शाहजहांपुर: महिला घेरा कार्यक्रम में उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां, जुटी भारी भीड़

जेल से चंद कदम की दूरी पर समाजवादी पार्टी ने सरोजनी नायडू की जयंती व राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला घेरा कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसमें बड़ी तादाद में महिलाओं ने मौजदूगी दर्ज कराई थी। कानून व्यवस्था संभालने के लिए महिला पुलिसकर्मियों से लेकर थाने का पुलिस बल भी लगाया गया था।

Update:2021-02-13 22:50 IST

शाहजहांपुर: कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करने के लिए हर आदेश में लिखा जाता है। साथ ही उसका पालन करने के निर्देश भी दिए जाते हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि, आदेश क्या कागजों तक ही सीमित होकर रहे जाते हैं। क्योंकि इन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि क्या कोविड19 खत्म का खतरा टल चुका है। सपा के कार्यक्रम में महिलाओं की भारी भीड़ इकट्ठा हुई थी। किसी के चेहरे पर मास्क नही था, कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई जा रही थी। ऐसी तस्वीरे देखकर जारी होने वाले आदेशों में कोविड19 का पालन करने के निर्देश महज दिखावा ही लगता है।

ये भी पढ़ें: वाराणसी: भगवान भरोसे चल रहा अस्पताल, OPD से डॉक्टर लापता

दरअसल, पिछले लंबे समय से कोरोना वायरस का दंश लोगों ने झेला है। सरकारी विभाग के दफ्तरों में ताले डाल दिए गए थे। रोड पर जनता के निकले पर पावंदी लगा दी गई थी। स्कूलों को बंद कर दिया गया था। लेकिन कोरोना वायरस पर कुछ कंट्रोल हुआ तो व्यवस्था धीरे धीरे पहले जैसी होने लगी। लेकिन उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के लिए लखनऊ से जारी होने वाले आदेशों में कोविड19 का पालन करने का जिक्र जरूर किया जाता है। साथ ही पालन न करने वालों पर कार्रवाई का भी जिक्र होता है। जेल में पिछले एक साल से बंदियों को परिवार से मिलने नही दिया गया। कई बार बंदियों के परिवार ने हंगामा किया तो, जेल प्रशासन ने कोविड19 का हवाला देकर परिवारों को शांत करा दिया।

लेकिन सवाल ये है कि, जेल से चंद कदम की दूरी पर समाजवादी पार्टी ने सरोजनी नायडू की जयंती व राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला घेरा कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसमें बड़ी तादाद में महिलाओं ने मौजदूगी दर्ज कराई थी। कानून व्यवस्था संभालने के लिए महिला पुलिसकर्मियों से लेकर थाने का पुलिस बल भी लगाया गया था। कार्यक्रम में आने वाली महिलाओं ने मास्क नही लगाया था, कार्यक्रम में बैठी महिलाओं और नेताओं के बीच सोशल डिस्टेंसिंग नही थी। कोविड19 की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही थी।

ये भी पढ़ें: बलिया: महिला शिक्षक को अश्लील मैसेज भेजता था अध्यापक, हुआ निलंबित

जबकि कुछ दिन पहले स्कूलों के खुलने का आदेश जारी हुआ था, जिसमें कोविड19 गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए थे। सवाल ये उठता है कि, क्या ऐसी राजनीतिक सभाओं में कोरोना वायरस का खतरा नहीं है? क्या सरकार और जिला प्रशासन को कोविड19 गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई नही करना चाहिए?

रिपोर्ट: आसिफ अली

Tags:    

Similar News