वर्ल्ड फेम डॉक्टरः लखनऊ के इतने सूची में शामिल, हो रही वाह वाही

दुनिया के सबसे बेहतर 02 प्रतिशत वैज्ञानिकों व चिकित्सकों की सूची में राजधानी लखनऊ के भी 25 वैज्ञानिकों व चिकित्सकों ने भी अपना डंका बजाया है। इनमें सीडीआरआई के 06, आईआईटीआर के 04 तथा संजय गांधी पीजीआई, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय के 03-03 वैज्ञानिक शामिल हैं।

Update:2020-11-05 08:33 IST
lucknow के 25 वैज्ञानिक व चिकित्सक हुए शामिल

लखनऊ। दुनिया के सबसे बेहतर 02 प्रतिशत वैज्ञानिकों व चिकित्सकों की सूची में राजधानी लखनऊ के भी 25 वैज्ञानिकों व चिकित्सकों ने भी अपना डंका बजाया है। इनमें सीडीआरआई के 06, आईआईटीआर के 04 तथा संजय गांधी पीजीआई, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय के 03-03 वैज्ञानिक शामिल हैं। इस सूची में राजधानी स्थित एसजपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमन का नाम भी शामिल हैं लेकिन उनका नाम चंडीगढ़ पीजीआई की सूची में शामिल है।

डाटा बनाकर यह सूची तैयार की

अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के डा. जान पीए लोननिडिस के नेतृत्व में तीन वैज्ञानिकों की एक टीम ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों व चिकित्सकों के शोध कार्यों को चिन्हित कर उनका डाटा बनाकर यह सूची तैयार की है, जिसे बीती 16 अक्टूबर को पब्लिक लाइब्रेरी आफ साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में विश्व के एक लाख वैज्ञानिकों और चिकित्सा विज्ञान, इंजीनियरिंग व अन्य मौलिक विज्ञान के क्षेत्र के सर्वोच्च 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों को सूचीबद्ध किया गया है।

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 03 चिकित्सक

इस सूची में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 03 चिकित्सक शामिल है। इसमे गैस्ट्रोएन्टरोलॉजी विभाग के प्रो. राकेश अग्रवाल सूची पहले स्थान पर हैं और दुनिया के गैस्ट्रोएन्टरोलॉजी व हेपेटोलॉजी के चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी 490 रैंक है। मौजूदा समय में वह जेआईपी एमईआर पुंडुचेरी में प्रतिनियुक्ति पर निदेशक के पद पर कार्य कर रहे हैं।

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डा. अग्रवाल हेपेटाइटिस के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साइंटिफिक एंड टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य हैं तथा इम्यूनाइजेशन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्ट्रैटिजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स के भी सदस्य हैं। पीजीआई के ही गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के दूसरे प्रो. उदय चंद्र घोषाल विश्व सूची में 931वां स्थान है। आंत संबंधी रोगों के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले प्रो. घोषाल आंतों के रोगों के प्रबंधन के लिए गाइडलाइंस बनाने वाले रोम फाउंडेशन के सह अध्यक्ष भी हैं। पीजीआई के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रोफेसर डा. वीके कपूर की दुनिया में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जरी के क्षेत्र में 968वीं रैंक है। गॉलब्लैडर कैंसर व बाइल डक्ट इंजरी पर डा. कपूर के कार्य को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है।

विश्व सूची में 1154वां स्थान

इनके साथ ही पीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमन भी लिवर रोग जैसे लिवर ट्रांसप्लांट, लिवर सिरोसिस की जटिलताएं, जनसामान्य में होने वाला क्रॉनिक वायरल हेपेटाइटिस के क्षेत्र में उनका योगदान उल्लेखनीय है। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी व हेपेटोलॉजी के क्षेत्र में विश्व सूची में उनका 1154वां स्थान है। उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र के सर्वोच्च पुरस्कार डॉ बीसी रॉय अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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किंग जार्ज चिकित्सा संस्थान के भी तीन विशेषज्ञ

इस सूची में किंग जार्ज चिकित्सा संस्थान के भी तीन विशेषज्ञ शामिल हैं। बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शैली अवस्थी को 536वां स्थान मिला है। प्रो. शैली का पहला शोध वर्ष 1987 में प्रकाशित हुआ था। इस सूची में केजीएमयू के रिसर्च सेल के अधिष्ठाता डा. आरके गर्ग को 3500वां स्थान प्राप्त हुआ है। उनका भी पहला शोध वर्ष 1987 में प्रकाश्ज्ञित हुआ था। जबकि केजीएमयू के तीसरे चिकित्सक न्यूरोलॉजी विभाग के डा. नीरज कुमार है। डा. नीरज को इस सूची में विश्व में 3891वां स्थान प्राप्त हुआ है। उनकी पहला शोध वर्ष 2003 में प्रकाशित हुआ था।

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सूची में एसजीपीजीआई के पूर्व विद्यार्थी डॉ नैवेद्य चट्टोपाध्याय का भी नाम है जिन्होंने 1989-1992 में प्रोफेसर गोडबोले के सक्षम मार्गदर्शन में अपना शोध कार्य पूरा किया और मौजूदा समय में वह सीडीआरआई में कार्य कर रहे हैं। इनकी एंडॉक्रिनलॉजी और मेटाबॉलिज्म में विश्व की सूची में 201 रैंक है। अस्थि स्वास्थ्य और ऑस्टियोपोरोसिस के क्षेत्र में शोध पर उनका विश्व स्तरीय कार्य है।

मनीष श्रीवास्तव

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