बदजुबान हुए बीजेपी विधायक, बोले- 'अब ये तुम्हारे फूफा की सरकार नहीं, जरा ठीक-ठाक होले'
मेरठ / मुजफ्फरनगर: जहां एक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था को मजबूत करने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हीं के विधायक कानून व्यवस्था को अपनी जागीर समझ कर नियमों को ताक पर रख उसका खुले आम मजाक उड़ाते दिखाई दे रहे हैं। अपने कार्यकर्ताओं को खुली छूट देने की बात भी वह मंच पर बोलते नज़र आए।
इतना ही नहीं, उन्होंने तो पुलिस अधिकारी से फोन पर हुई बात के एक वाक्य को भी सबके साथ शेयर किया। जिसमें उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को बाइक चालान के बाद नसीहत देते हुए कहा कि "अब ये तुम्हारे फूफा की सरकार नहीं। अब ठीक-ठाक होले।
बता दें कि इस तरह से फूहड़ शब्दों का इस्तेमाल करने वाले कोई नहीं बल्कि भाजपा विधायक विक्रम सैनी हैं। ये वही भाजपा विधायक हैं, जिन्होंने 25 मार्च 2017 भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यक्रम सुरेश राणा और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के सामने विवादित बयान दे डाला था |
क्या है पूरा मामला
-दरअसल मामला जनपद मुज़फ्फरनगर की खतौली विधानसभा क्षेत्र का है।
-भाजपा सरकार के केंद्र में पूरे हुए 3 साल के उपलक्ष्य में खतौली में आयोजित एक अभिनंदन समारोह में विक्रम सैनी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
-संबोधित करते हुए हुए विधायक जी की जुबान से नियमों के पालन करने की अपील करने के बजाए नियमों को ताक पर रखने की बेबाक़ी आवाज सुनाई दी।
-विधायक विक्रम सैनी ने मंच पर बोलते हुए अपने कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र के पुलिस अधिकारी से फोन पर हुई बातचीत की जानकारी शेयर की।
-इसमें उन्होंने पुलिस वाले को उनके द्वारा 'छोड़ने को' कहने के बावजूद भी चालान काटने वाले पुलिस अधिकारी को खरी-खोटी सुनने की बात मंच से ही बोलनी शुरू कर दी।
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नियमों की सीमा लांघते हुए भाजपा विधायक मंच से ही बोलने लगे कि 'मेरे पास फोन आया था कि विधायक जी, क्या इसीलिए तुम्हें विधायक बनाया था कि मेरा चालान कट जाए, तो मैंने उन पुलिस वालों से बात की और कहा कि अब ये तुम्हारे फूफा की सरकार नहीं रही... अब तो ठीक-ठाक हो ले और ये बता चालान काटा क्यों?
मैं तो हूं, जब कह दिया छोड़ना है, तो छोड़ना है। कागज़ हैं या नहीं है। भाजपा का कार्यकर्ता हो, चाहे वो यहां का है या कहीं और का, अगर उसे पकड़ा और मैं उसे कुछ कह बैठूंगा। आज तक कोई रिकॉर्ड ऐसा नहीं मिला। जो मैंने कहा हो और उसे ना छोड़ा हो। कारण यह है या नहीं है। इस बार छोड़ दे। अगली बार पकड़ लिए, फिर देखा जाएगा।
बता दें कि इससे पहले भी 25 मार्च 2017 को उस समय मुज़फ्फरनगर के खतौली विधानसभा से भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने सुरेश राणा और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के सामने विवादित बयान दे डाला था, जिसमें इस भाजपा विधायक को माफ़ी मांगनी पड़ी थी
कब दिया था विक्रम सैनी ने यह विवादित बयान
जब 25 मार्च 2017 को थानाभवन से विधयक सुरेश राणा राज्यमंत्री बनने के बाद मुज़फ्फरनगर पहुंचे थे। जहां एक बैंकेट हॉल में उनके स्वागत समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान मुज़फ्फरनगर की खतौली विधान सभा से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने मंच से जब अपना संबोधन शुरू किया, तो इनके बोल ही बिगड़ गए।
भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने अपने बड़बोलेपन में यहां तक कह दिया कि जो व्यक्ति वंदे मातरम बोलने में संकोच करता हो, या जिसका भारत माता के नारे लगते हुए उसका सीना चौड़ा न होता हो और जो गौ माता को माता न मानता हो, उनकी हत्या करते हो तो मैंने वादा किया था कि ऐसे लोगों के हाथ-पैर तुड़वा दूंगा। उन्होंने ये भी कहा कि मेरे साथ युवाओं की टीम है और वो टीम ऐसी है कि अगर पाकिस्तान चीन से युद्ध हो जाए, तो बिना वेतन लिए सीमा पर जा सकते हैं और मैं भी साथ रहूंगा। बस कानून-वानून तो तुम जानते होंगे, मैं पढ़ा-लिखा तो हूं नहीं।
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हालांकि मंच पर मौजूद भाजपा के मंत्री और नेताओं ने विधायक को रोकने का खूब प्रयास किया, लेकिन फिर भी वो बोलते चले गए और बाद में उनका भाषण समाप्त करा दिया गया । गौरतलब है कि ये बड़बोले भाजपा विधायक उसी गांव कवाल के रहने वाले हैं, जहां तीन हत्याओं के बाद दंगे की शुरुआत हुई थी।
उस वक्त विक्रम सैनी कवाल गांव के प्रधान थे और इन पर भड़काऊ भाषण और दंगो का आरोप भी लगा था। जिसके बाद जिला प्रशासन नेता जी पर रासुका की कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया था और अब 2017 के विधान सभा चुनाव में विक्रम सैनी खतौली विधान सभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के बाद विधायक बने हैं।