योगी सरकार के इस आदेश से राज्य कर्मचारियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
इस तरह के किसी गिफ्ट अथवा सामग्री सचिवालय में ले जाने पर रोक लगाई जा चुकी है। तब यह भी कहा गया था अब धूम्रपान और पान-गुटखा खाकर आने पर जुर्माने की वसूली की जाएगी।
लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी खर्चो पर कटौती करने के लिए एक बडा काम किया है। उन्होंने ऐसे सभी भत्तों पर रोक लगा दी है जिसकी अब जरूरत नहीं है लेकिन यह भत्ते सरकारी कर्मचारी ले रहे थें। राज्य सरकार ने इसका परिपत्र आज जारी कर दिया गया।
जो भत्ते दिए जाने पर सरकार ने रोक लगाई है उनमें द्विभाषी प्रोत्साहन भत्ता कम्प्युटर संचालन के लिए प्रोत्साहन भत्ता, स्नातकोत्तर भत्ता, कैश हैण्डलिंग भत्ता, परियोजना भत्ता, स्वैच्छिक परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता शामिल हैं।
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इसका परिपत्र आज अपर मुख्य सचिव संजीव मिततल ने जारी कर दिया। इसके पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गत दो जुलाई को एक आदेश सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी कर चुके है जिसके तहत अब कोई भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी किसी से भी मिठाई का डिब्बा या गिफ्ट नहीं ले पायेंगे।
इस तरह के किसी गिफ्ट अथवा सामग्री सचिवालय में ले जाने पर रोक लगाई जा चुकी है। तब यह भी कहा गया था अब धूम्रपान और पान-गुटखा खाकर आने पर जुर्माने की वसूली की जाएगी।
इसमें कहा गया है कि कोई भी सरकारी सेवक किसी से भी मिठाई का डिब्बा, उपहार और भेंट आदि नहीं लेंगे। इस व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने के लिए सचिवालय परिसर में किसी भी तरह की भी भेंट या उपहार आदि लेकर प्रवेश प्रतिबंधित है।
इस आदेश में कहा गया था कि अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को अन्य सरकारी कार्यालयों में इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन किया जाए।
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धूम्रपान और तम्बाकू सेवन करते पाए जाने पर 500 रुपये का जुर्माना
गौरतलब है कि किसी व्यक्ति को धूम्रपान करते हुए या तंबाकू, पान-मसाला और तंबाकू से बने अन्य पदार्थों का प्रयोग करते हुए या पीक थूकते हुए पाया जाये तो सफाई सहयोग शुल्क के रूप में 500 रुपये वसूलने का आदेश दिया जा चुका है।
अगर कोई बाहरी व्यक्ति ऐसा करते हुए पाया जाए तो उससे 500 रुपये वसूल करने के अलावा उसका सचिवालय प्रवेश पत्र भी निरस्त कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल करते भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई कर चुकी है।
दो साल के भीतर अब तक 600 से ज्यादा अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। इनमें से 200 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देने के साथ ही 400 से ज्यादा अधिकारियों को दंड दिया जा चुका है।
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