Yogi Government 2: दारुल शफा में चर्चा आम, मंत्रियों के आसपास चिंटू-पिंटू का घेरा, CM Yogi जी कुछ करिए

Yogi Government 2: स्थान दारुलशफा से कुछ लोग हैं यहां! जो सूबे के अलग-अलग हिस्सों से अपनी फ़रियाद लेकर किसी न किसी मंत्री के पास आए हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Monika
Update: 2022-04-16 10:12 GMT

CM Yogi Adityanath Meerut Visit Kranti Diwas today (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

CM Yogi: योगी जी, आपको जनता ने बहुमत देकर एकबार फिर यूपी का सीएम बना दिया। आप पर मतदाता का विश्वास ही था ये कि बीजेपी इतने वर्षों बाद वापसी करने में सफल हुई। लेकिन यहाँ अब एक दिक्कत, बोले तो प्रॉब्लम खड़ी हो गई है। कुछ मंत्री ऐसे हैं जो हमेशा अपने चिंटू-पिंटू से घिरे रहते हैं। और वो उस केतली की तरह है जिसकी चाय ठंडी है, लेकिन केतली गरम है।

सुबह के 9 बजे हैं, तारीख 16 अप्रैल 2022, स्थान दारुलशफा कुछ लोग हैं यहां! जो सूबे के अलग-अलग हिस्सों से अपनी फ़रियाद लेकर किसी न किसी मंत्री के पास आए हैं। उनके झोले में शिकायती चिठियाँ हैं। कुछ हाथ में भी पकड़े हैं। चाय के ठेले पर बतिया रहे है कि मंत्री जी के घर गए थे। वहां भिया जी! मिले थे कल, बोले मंत्री जी! बहुते बिजी रहते हैं। अपनी चिट्टी दे दो हम बता देंगे कि आप आए थे। काम हो जाएगा।

हमने कहा मिलवा देते भिया जी एकबार तो मंत्री जी से पैर पकड़ के अपनी रामकहानी सुना देते। इसपर वो भिया जी बोले कल आना। आज सुबह भी गए थे, फिर वही भिया जी मिले बोले मंत्री जी बहुते बिजी हैं, कल आना। अब आप ही बताओ हम ललितपुर से आए कितने कल तक रुक सकते इते पैसे भी नहीं कि और रुक सकें? इनकी बात सुन रहे एक बुजुर्ग ने कहा हम पडरौना से बड़ी उम्मीद लेकर आए कि मंत्री जी से मिलकर अपनी परेशानी बता देंगे। जब भी फोन करते हैं एक बाबु फोन पर बता देते हैं कि मंत्री जी मीटिंग में हैं! जैसे फ्री होंगे आप से बात करा देंगे। अब तुम बताओ भैया क्या पूरे दिन मीटिंग ही करते हैं मंत्री जी? फिर उनकी फोटू कैसे आती हैं अखबार में?

और भी एक दो थे जिन्होंने अपने दिल का गुबार निकाल लिया

इन सबके बीच एक सज्जन जो बड़े इत्मीनान से पान चबा रहे थे, इनकी बातें सुनकर पीक की पिचकारी मार के बोले, सुनो ये जो भिया जी मिलते हैं न मंत्री जी के आसपास, और उनके फोन से बोलते हैं, ये मंत्री जी के साथ तब से लगे हैं जब मंत्री जी नेता जी हुआ करते थे। तो जब नेता जी, मंत्री जी बनें तो ये चिंटू-पिंटू अपने को छोटा मंत्री मान लिए हैं। दरअसल ये उन लोगों के ही संदेश मंत्री को देते हैं जिनके फोन नंबर मंत्री जी के फोन में सेव होते हैं। और रही बात बंगले पर जाकर मिलने की तो रोज फरियादी आते हैं फ़रियाद लेकर। वो फ़रियाद वाली टोकरी में फ़रियाद टिका दी जाती है। अब आप करिए ये कि यहां वक्त बर्बाद न करिए अपने घर जाइए चाय के पैसे हम दे देंगे।

एक अधेड़ भी यहाँ मौजद ये सब सुन रहा था। उसने कहा, एक मंत्री जी के पास हम भी गए थे बिटिया की फीस के लिए मदद मांगने। लेकिन हम से कहा गया मंत्री जी मीटिंग में हैं। जबकि अंदर से हाहा-हूहू की आवाज आ रही थी। और सफ़ेद कुरता पैजामा वाले बेरोकटोक जा रहे थे। हम वहीँ अपनी एप्लीकेशन फाड़ के फेंक दिए।

कुछ ऐसी करिए व्यवस्था की लखनऊ न आना पड़े

योगी जी ये जो दूर दूर से लखनऊ आते हैं न, ये वो अखबार देख के आते हैं जिसमें फलाने मंत्री जी की फोटू छपी होती है, मदद करते, फ़रियाद सुनते और उनका निराकरण करते। यही फोटू उनको उम्मीद देती है कि लखनऊ जाते ही मंत्री जी मिलेंगे और उनकी परेशानी कपूर बन उड़ जाएगी।

ऐसा नहीं कि सभी मंत्री ऐसे हैं। लेकिन कुछ तो हैं ही वर्ना ये बात ही क्यों होती। फिलहाल आप कुछ ऐसी व्यवस्था करिए कि सुदूर इलाकों से अपनी फ़रियाद लेकर फरियादी लखनऊ तक आए ही नहीं। उनके जिलों में उनकी परेशानी सुनकर उसको निपटा दिया जाए।

दारुलशफा और आसपास लगता है जमावड़ा

दरअसल दारुलशफा लोकभवन, विधानसभा, बीजेपी राज्य कार्यालय के पास स्थित है। दारुलशफा में भी विधायक रहते हैं। ऐसे में सूबे के अलग-अलग इलाकों से आने वाले फरियादियों के लिए ये सबसे मुफीद स्थान है। यहाँ हर दिन आपको ऐसे बहुतेरे मिल जाएंगे जो झोले में चिट्ठी लिए किसी न किसी मंत्री के पास आते है।

योगी जी ये किसी ट्रांसफर, पोस्टिंग, ठेके या पट्टे के लिए नहीं आते। इनकी छोटी-छोटी शिकायत होती हैं। ये जब हफ़्तों पेट काट के पैसे बचाते तब आते हैं घर से लखनऊ। और यहाँ जब उनके साथ ऐसा सलूक होता है तो दिल दुखता है!! लेकिन ये भी सच है ये आते रहेंगे हर दिन लोकल का टिकट खरीद इन जैसे उम्मीद लिए आते हैं लखनऊ और अक्सर इनकी उम्मीद यहाँ दम तोड़ देती है।

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