अफ़सरों को लेकर योगी सरकार कन्फ्यूज़, नकारा बता हटाया, अब डैमेज कंट्रोल को लगाया
सरकार गठन के बाद से ही साईड लाईन चल रहे एडीजी टेक्निकल सर्विस आशुतोष पाण्डेय, फैज़ाबाद से नाकारा बता कर हटाए गए डीआईजी झाँसी सुभाष सिंह बघेल और अखिलेश कुमार चौरसिया, एसएसपी मेरठ के पद से हटाए गए राजेश पाण्डेय और एसएसपी गाज़ियाबाद के पद से बेदखल किये गए वैभव कृष्णा को अयोध्या की क़ानून व्यवस्था संभालने का ज़िम्मा सौंपा गया है।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अफ़सर योगी की ही नहीं सुनते हैं। ऐसा हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि हालिया घटनाक्रम इस की पुष्टि कर रहे हैं। एडीजी ट्रैफ़िक से लेकर राहत आयुक्त को हटाए जाने के बाद अब अयोध्या में हालात पर कन्ट्रोल करने के लिए उन अफसरों को भेजा गया है। जिन पर योगी को भरोसा ही नही है।
सरकार गठन के बाद से ही साईड लाईन चल रहे एडीजी टेक्निकल सर्विस आशुतोष पाण्डेय, फैज़ाबाद से नाकारा बता कर हटाए गए डीआईजी झाँसी सुभाष सिंह बघेल और अखिलेश कुमार चौरसिया, एसएसपी मेरठ के पद से हटाए गए राजेश पाण्डेय और एसएसपी गाज़ियाबाद के पद से बेदखल किये गए वैभव कृष्णा को अयोध्या की क़ानून व्यवस्था संभालने का ज़िम्मा सौंपा गया है।
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अफसरों की पोस्टिंग को लेकर योगी सरकार कन्फ्यूज़ है अयोध्या में धर्मसभा को लेकर जुटी भीड़ को कन्ट्रोल करने के लिए जिन अफसरों को अयोध्या भेजा गया है उन में से कुछ को ख़राब परफॉर्मेंस का हवाला देकर हटाया गया था तो कुछ को सत्ता परिवर्तन के बाद पोस्टिंग ही नहीं दी गई थी।
अब जब कि अयोध्या में बवाल बढ़ रहा है तो चुन चुन कर उन्ही अफसरों को वहाँ डैमेज कंट्रोल की ज़िम्मेदारी दी गई है।
सरकार का यह क़दम ब्यूरोक्रेसी के अंदरखाने में चर्चा का विषय बना हुआ है। आईएएस अफ़सरों से लेकर आईपीएस अफसरों को हटाने से लेकर पोस्टिंग को लेकर अफ़सरों के आपसी मतभेद भी सरकार के परेशानी पैदा कर रहे हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ को सीनियर अफ़सर किस क़दर इग्नोर करते हैं। इस का अन्दाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि क़ानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान सीएम ने एडीजी ट्रैफ़िक एमके बशाल को हटाने का फरमान सुनाया था। लेकिन गृह के बाद के एक आदेश ने एम के बशाल को और पॉवरफुल बना दिया है। इस आदेश में एम के बशाल को एडिशनल एसपी और डिप्टी एसपी का एसीआर लिखने का अधिकार दे दिया गया। इस के बाद सीएम की नाराज़गी के बाद एम के बशाल को हटाया गया।
यही नहीं आपदा प्रबन्धन की मीटिंग के दौरान राहत आयुक्त संजय कुमार की अनुपस्थिति से नाराज़ सीएम ने उन को हटाने को कहा था। 20 सितम्बर के इस आदेश का पालन क़रीब दो महीने बाद हुआ। दरअसल मीटिंग वाले दिन आईएएस संजय कुमार गिर कर घायल हो गए थे। जिस की सूचना उन्होंने ने प्रमुख सचिव राजस्व सुरेश चंद्रा को दी थी। लेकिन सुरेश चंद्रा भड़के सीएम तक संजय कुमार के घायल होने की बात नहीं कह सके थे।
अब अफ़सरों ने चुन चुन कर अयोध्या के हालात संभालने के लिए उन अफ़सरों को भेजा है। जिन को सरकार पहले नाकारा बता कर या तो पहले ही हटा चुकी है या फिर सत्ता परिवर्तन के बाद से ही उन्हें पोस्टिंग नहीं दी गई है। एडीजी टेक्निकल सर्विस आशुतोष पाण्डेय सत्ता परिवर्तन के बाद से अज्ञातवास में हैं।
इसी तरह एसएसपी फैज़ाबाद के पद से सुभाष सिंह बघेल को नकारा बता डीजीपी आफिस से अटैच किया गया था। हालाँकि बाद में उन्हें डीआईजी झाँसी बनाया गया और अब अयोध्या में स्पेशल ड्यूटी लगाई गई है।
एसएसपी मेरठ के पद राजेश पाण्डेय को एसपी सुरक्षा और एसएसपी ग़ाज़ियाबाद के पद से वैभव कृष्णा को एसपी पुलिस मुख्यालय प्रयागराज में नकारा बता कर पोस्टिंग दी गई थी। अब ये दोनों अफसर भी अयोध्या में अमन चैन के लिए काम कर रहे हैं। यही नहीं एसएसपी फैज़ाबाद के पद से हटा कर डीजीपी ऑफिस अटैच किये गए अखिलेश चौरसिया की अयोध्या संभालने के लिए ड्यूटी लगाईं गई है।