मुख्तार पर पोटा लगाने वाले पूर्व डिप्टी SP शैलेंद्र सिंह से मुकदमे वापस
योगी सरकार ने पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह पर दायर मुकदमे वापस ले लिए हैं। मुख्तार अंसारी पर 2004 में पोटा लगाया था
राज कुमार सिंह
लखनऊ: योगी सरकार ने पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह पर दायर मुकदमे वापस ले लिए हैं। शैलेंद्र सिंह वही पूर्व पुलिस अधिकारी हैं जिन्होंने चर्चित माफिया डान मुख्तार अंसारी पर 2004 में पोटा लगाया था। 2004 में शैलेंद्र सिंह यूपी एसटीएफ की वाराणसी यूनिट के प्रभारी थे। सिंह ने मुख्तार अंसारी द्वारा एलएमजी खरीदने का खुलासा किया था। मुख्तार अंसारी पर पोटा लगाने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई थीं। उन पर मुख्तार पर से मुकदमा हटाने का दबाव था। इसी दबाव के बाद उन्होंने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। उस समय सूबे में मुलायम सिंह की सरकार थी। इस्तीफा देने के बाद उन पर वाराणसी के जिलाधिकारी कार्यालय में तोड़फोड़ करने का मुकदमा कायम किया गया। इसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई।
शैलेंद्र सिंह ने अपने फेस बुक पेज पर ये दी जानकारी
2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद राज्य सरकार ने शैलेंद्र सिंह पर दायर मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की। हाल ही में वाराणसी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनके मुकदमे वापस लेने को मंजूरी दे दी है। शैलेंद्र सिंह ने अपने फेस बुक पेज पर ये जानकारी दी है। उन्होंने आदेश की कापी भी फेसबुक पर डाली है। और इसके लिए योगी सरकार को धन्यवाद दिया है।
कौन हें शैलेंद्र सिंह कौन हैं? क्या है राजनीतिक कनेक्शन
चंदौली के रहने वाले शैलेंद्र सिंह यूपी के तेज तर्रार पीपीएस अधिकारी रहे हैं। 2003 में मायावती सरकार के समय वे लखनऊ के हजरतगंज के सीओ भी रहे थे। 2003 की गर्मियों में सपा नेताओं के हजरतगंज में प्रदर्शन के दौरान अपने कड़े रवैये को लेकर चर्चा में आए थे शैलेंद्र सिंह। इस प्रदर्शन में मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह और भगवती सिंह समेत कई नेता शामिल थे।
कांग्रेस से लड़ चुके हैं लोकसभा और विधान सभा का चुनाव
नौकरी छोड़ने के बाद शैलेंद्र सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। उन्होंने 2009 में कांग्रेस की ओर से लोकसभा का चुनाव लड़ा। वे चुनाव तो हार गए पर एक लाख वोट लेकर चर्चा में आ गए। इसके बाद कांग्रेस से ही उन्होंने 2012 में चंदौली की सैयद रजा सीट से विधान सभा का चुनाव लड़ा पर ये चुनाव भी हार गए।
फिलहाल शैलेंद्र पर मुकदमे वापस लेने का बीजेपी को राजनीतिक फायदा भी मिल सकता है। पूर्वांचल में बनारस के आस पास शैलेंद्र ने राजनीतिक रूप से जो जमीन तैयार की थी, उसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। इसके साथ ही मुख्तार अंसारी पर योगी सरकार लगातार शिकंजा कस रही है। योगी सरकार के इस कदम से पूर्व विधायक स्वर्गीय कृष्णानंद राय के समर्थक भी उत्साहित हैं।