योगी सरकार का नया फैसला, अब अलार्म पर चलेगी यूपी पुलिस

प्रदेश में औद्योगिक निवेश को और अधिक गति प्रदान किये जाने के लिए राजी सरकार हर जुड़ी मदद करने को तैयार है इसकी सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ व चुस्त-दुरूस्त बनाने की नई पहल की गई है।

Update: 2020-06-18 13:15 GMT

लखनऊः प्रदेश में औद्योगिक निवेश को और अधिक गति प्रदान किये जाने के लिए राजी सरकार हर जुड़ी मदद करने को तैयार है इसकी सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ व चुस्त-दुरूस्त बनाने की नई पहल की गई है। इसके तहत एक पायलट परियोजना को गृह विभाग द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है ताकि औद्योगिक इकाइयों को और अधिक सुरक्षित माहौल मिल सके।

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अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया ये

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस पायलट परियोजना के तहत प्रथम चरण में 5 निजी सुरक्षा एजेंसियां के साथ काम करने की अनुमति यूपी 112 को प्रदान की गई है। उल्लेखनीय है कि गोरखपुर औद्योगिक क्षेत्र की एक सुरक्षा एजेंसी के 8 प्रतिष्ठानों के साथ योजना का प्रयोग किया जा चुका है। अवस्थी ने बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत आने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियों के अलार्म सिस्टम को यूपी 112 से लिंक किया जायेगा।

अलार्म सिस्टम के यूपी 112 से इंटीग्रेट होने के फलस्वरूप इससे जुड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों को जैसे ही किसी आपात सहायता की आवष्यकता होगी उसका संदेष तुरंत यूपी 112 मुख्यालय को मिल जायेगा और उसी के अनुरूप पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (पीआरवी) तत्काल मदद के लिए पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना की सफलता का आंकलन कर अगले चरण में प्रदेष की अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी इसका विस्तार किया जायेगा।

अपर पुलिस महानिदे असीम अरूण ने बताया

अपर पुलिस महानिदे, यूपी 112, असीम अरूण ने बताया कि निजी सुरक्षा एजेंसियां चार तरह से सहायता ले सकेंगी। निजी एजेंसियों के फोन कॉल इंटीग्रेशन के तहत उन्हे 10 डिजिट का नंबर दिया जायेगा जिसके माध्यम से आने वाली काल को विशेष रूप से प्रशिक्षित संवाद अधिकारी अटेंड करेंगे।

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दूसरा एपीआई इंटीग्रेशन के तहत सुरक्षा एजेंसी का सिस्टम 112 के सिस्टम पर सीधे सन्देश भेजेगा। इसको विशेष रूप से निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए ही तैयार किया गया है। तीसरा एपीआई इंटीग्रेशन एसआईपी सिस्टम सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा। इसमें एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक डेटा मैसेज के साथ वाॅयस मैसेज के माध्यम से सहायता मांगी जा सकती है। चौथी ऐप बेस्ड सर्विस के माध्यम से एजेंसियां 112 से सहायता ले सकेंगी। ऐप को फोन में डाउनलोड कर एसओएस बटन का उपयोग कर के पीआरवी को मौके पर बुलाया जा सकेगा।

अरूण ने यह भी बताया कि उद्योगों व अन्य संस्थानों को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए 112 मुख्यालय में अलग डेस्क बनायी जा रही है। इस डेस्क पर इंडस्ट्री एरिया से जुड़ी सहायता के लिए आने वाली सूचनाओं को ही अटेंड किया जायेगा। इंडस्ट्रियल एरिया की सुरक्षा के लिए अलग से पीआरवी तैनात किये जाने का निर्णय भी सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा लिया गया है।

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