UP में जबरन रिटायरमेंट: अब स्वास्थ्य विभाग के इन कर्मचारियों की होगी छुट्टी
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा निदेशक डा पूजा पाण्डेय ने आदेश जारी किया है कि 50 वर्ष की उम्र के लिपिक संवर्ग की सेवाओं की दक्षता की स्क्रीनिंग की जाएगी।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। हाल ही में पुलिस विभाग में पचास वर्ष से अधिक उम्र वाले पुलिस कर्मियों की स्क्रीनिंग किए जाने के आदेश के बाद अब स्वास्थ्य विभाग में भी स्क्रीनिग का काम शुरू होने जा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में अब 50 वर्ष की उम्र वाले कर्मियों को जबरन सेवा निवृत्त दी जाएगी। इसके लिए एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जो ऐसे कर्मियों की रिपोर्ट तैयार कर षासन को भेजने का काम करेगी।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा निदेशक डा पूजा पाण्डेय ने जारी किया आदेश
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा निदेशक डा पूजा पाण्डेय की तरफ से इस सम्बन्ध में आज आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया है कि विभाग में कार्यरत 50 वर्ष की उम्र के लिपिक संवर्ग की सेवाओं की दक्षता की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में अपर निदेषक प्रशासन अध्यक्ष के साथ तीन सदस्य भी रखे गए हैं। इन सदस्यों में संयुक्त निदेषक कार्मिक, संयुक्त निदेशक मुख्यालय परिधिगत तथा वरिष्ठ लेखाधिकारी शामिल हैं।
50 साल की उम्र के कर्मचारियों की होगी स्क्रीनिंग
ठससे पहले अभी हाल ही में पुलिस विभाग में अनफिट पुलिस कर्मियों को भी जबरन सेवानिवृत्त के लिए कमेटी के गठन की बात सामने आ चुकी हैं। जो पुलिस वाले स्क्रीनिंग में अनफिट पाए जाते हैं उन्हे जबरन रिटायरमेंट दिया जाएगा। इसके लिए भी जल्द ही कमेटी का गठन किया जाएगा।
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जबरन रिटायर करने की तैयारी
शासन सूत्रों के अनुसार इसकी तैयारियां तेज कर दी गयी है। इसमें वही पुलिस कर्मी शामिल होगें जिनकी उम्र 31 मार्च 2020 को 50 वर्ष की हो चुकी हो। पुलिस की सभी इकाइयों के प्रमुखों, आईजी रेंज और एडीजी जोन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से को एक लिस्ट तैयार करने को कहा गया है। इसमें ऐसे लोगों को शामिल किया जाएगा जो काम के मामले में सुस्त हैं ।
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इन विभाग में कर्मियों और अधिकारियों की हो चुकी छुट्टी
इससे पहले भी योगी सरकार कई विभागों में स्क्रीनिंग कर कई कर्मियों और अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त दे चुकी है। पिछले साल जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की विभाग से छुटटी की गयी थी उनके अनुसार ऊर्जा विभाग में 169 अधिकारियों, गृह विभाग के 51 अधिकारियों, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों, बेसिक शिक्षा के 26 अधिकारियों, पंचायतीराज के 25 अधिकारियों, पीडब्ल्यूडी के 18 अधिकारियों, लेबर डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, संस्थागत वित्त विभाग के 16 अधिकारियों, कामर्शियल टैक्स के 16 अधिकारियों, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, ग्राम्य विकास के 15 अधिकारियों, वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी है।
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