राम मंदिर: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान पर बवाल, जिलानी ने कही ऐसी बात

अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा जारी बयान पर पूरे देश से तमाम तरह की प्रतिक्रियायें सामने आ रही है।

Update: 2020-08-07 07:08 GMT

लखनऊ: अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा जारी बयान पर पूरे देश से तमाम तरह की प्रतिक्रियायें सामने आ रही है। लेकिन बोर्ड अध्यक्ष वली रहमानी के इस बयान से बोर्ड के मेम्बर ही इक्तफाक नहीं रखते है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य और रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामलें में मस्जिद के पक्ष रखने वाले अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने ही इस बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे ट्वीट से हटाने को कहा है।

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष वली रहमानी ने कहा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष वली रहमानी ने राम मंदिर भूमि पूजन पर तुर्की के हागिया-सोफिया म्यूजियम को मस्जिद में तब्दील किए जाने का हवाला देते हुए कहा था कि अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण के आधार पर भूमि का पुनर्निधारण करने वाला फैसला इसे बदल नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि उदास होने की जरूरत नहीं है, स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद को कभी भी किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाया गया था।

बोर्ड के बयान पर जफरयाब जिलानी ने कहा है कि उन्हे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान के कुछ शब्दों पर आपत्ति है। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कोई नहीं हो सकता है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी अयोध्या के राम मंदिर के भूमि पूजन पर कहा है कि बाबरी मस्जिद है, थी और रहेगी। सपा सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने ताकत के बल पर कोर्ट से फैसला कराया और संगे-बुनियाद रख दी। उन्होंने कहा कि ये कानूनी इंसाफ नहीं है, बल्कि हमारे साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी हुई है।

मंत्री मोहसिन रजा ने अयोध्या प्रकरण पर आपत्ति जताने वालों को देशद्रोही बताया

इधर, योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने अयोध्या प्रकरण पर आपत्ति जताने वालों को देशद्रोही बताते हुए कहा है कि सवाल उठाने वाले लोग न तो 130 करोड़ देशवासियों के प्रतिनिधि हैं, न ही ये देश के मुसलमानों के प्रतिनिधि हैं। ऐसे लोग राष्ट्रद्रोही भी हैं और देशद्रोही भी। मोहसिन रजा से पहले गुरुवार को यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि बोर्ड इस बात के इंतजार में है कि हिंदुस्तान में एक बार फिर वह बाबरी फौज बनायेगा हिंदुस्तान में गृहयुद्ध करा कर हिंदुस्तान की सल्तनत पर कब्जा करेगा इस्लामिक झंडे को फहरायेगा और राम मंदिर को तुड़वा कर दोबारा बाबरी मस्जिद बनवायेगा।

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उन्होंने इसे बोर्ड का दिल को बहलाने वाला ख्याल बताते हुए कहा था कि पर्सनल ला बोर्ड ने यह कैसे सोच लिया कि हिंदुस्तानी मुसलमान इनके नापाक इरादो में इनका साथ देगा। ये कट्टरपंथी मुल्लाओं की जमात विदेशी पैसों से हिंदुस्तान में चल रही है यह सब लोग जानते है।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव

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