पूर्व सांसद अतीक अहमद का साला जकी अहमद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में 

राजधानी के एक प्रापर्टी डीलर को अगवा कराकर जेल में मारने-पीटने व उससे जबरिया रंगदारी वसूलने के एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार अभियुक्त जकी अहमद को सीबीआई की विशेष अदालत ने 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

Update:2019-07-18 21:35 IST

विधि संवाददाता।

लखनऊ: राजधानी के एक प्रापर्टी डीलर को अगवा कराकर जेल में मारने-पीटने व उससे जबरिया रंगदारी वसूलने के एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार अभियुक्त जकी अहमद को सीबीआई की विशेष अदालत ने 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

बीते बुधवार को सीबीआई ने इसे प्रयागराज से गिरफ्तार किया था। यह पूर्व सांसद अतीक अहमद का साला है। अब इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल 10 अभियुक्त न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं। जबकि अतीक अहमद का लड़का मो. उमर फरार चल रहा हैं।

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सीबीआई ने अदालत से मांगा न्यायिक रिमांड

गुरुवार को सीबीआई के डिप्टी एसपी प्रशांत श्रीवास्तव ने अभियुक्त जकी अहमद को पेश कर अदालत से उसका न्यायिक रिमांड मांगा। सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट पीयूष त्रिपाठी ने अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया।

थाना कृष्णानगर से संबधित इस मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी। विवेचना के दौरान पुलिस ने इस मामले में अतीक के दो गुर्गो गुलाम इमामुद्दीन व इरफान को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। 16 जनवरी, 2019 को अतीक अहमद का भी इस मामले में न्यायिक रिमांड हासिल किया।

उस दौरान अतीक एक दूसरे मामले में बरेली जेल में न्यायिक हिरासत में निरुद्ध था। विवेचना के बाद पुलिस ने इस मामले में अतीक अहम समेत कुल आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।

लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इस मामले की विवेचना सीबीआई करने लगी। सीबीआई की विवेचना के दौरान अभियुक्त जफरुल्लाह आत्मसमर्पण कर न्यायिक हिरासत में जेल चला गया।

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सीबीआई ने दाखिल किया आरोप पत्र

सीबीआई ने उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। हालाकि इस मामले में सीबीआई की अग्रिम विवेचना अभी जारी है।

दूसरी तरफ सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में निरुद्ध अभियुक्त मो. फारुख की पुलिस कस्टडी रिमांड पर आदेश के लिए 22 जुलाई की तारीख तय की है। सीबीआई ने पूछताछ के लिए उसका पांच दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा है।

मामला बीते 29 दिसंबर को रियल स्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गो के जरिए गोमतीनगर आफिस से उसका अपहरण करा लिया। तंमचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया।

अतीक ने उसे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा। उसने इंकार कर दिया। इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर उसे तंमचे व लोहे की राड से बेतहाशा पीटा।

उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिया और करीब 45 करोड़ की सम्पति अपने नाम करा ली। साथ ही जानमाल की धमकी भी दी। अतीक के गुर्गो ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली।

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