Zila Panchayat Election UP 2021: जिले का प्रथम नागरिक बनने के लिए इन पांच महिलाओ ने दाखिल किया नामांकन पत्र

Zila Panchayat Election UP 2021: जनपद की पांच महिलाओं ने जिले का प्रथम नागरिक बनने के लिए नामांकन पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी /जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष स्थित डीएम कोर्ट में आयोग के दिशा निर्देश के तहत दाखिल किया है।

Report :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-06-26 18:21 IST

जिला पंचायत चुनाव (फोटो-सोशल मीडिया)

Zila Panchayat Election UP 2021: जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव हेतु आज नामांकन के दिन जनपद की पांच महिलाओं ने जिले का प्रथम नागरिक बनने के लिए नामांकन पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी /जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष स्थित डीएम कोर्ट में आयोग के दिशा निर्देश के तहत दाखिल किया है। कौन बनेगा प्रथम नागरिक यह तो गणना के बाद तय होगा लेकिन नामांकन के समय महिलाओ का उत्साह देखने लायक था।

यहां बता दें कि शासन ने परिसीमन के समय जौनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद को महिला के लिए आरक्षित किया तभी महिलाओ के सपने हिलोरे लेने लगे थे भारी संख्या में आधी आवादी के लोग यानी महिलायें सदस्य बनने के लिए चुनावी जंग में उतरी थी और परिणाम आने के बाद अध्यक्ष बनने के लिए पूरी ताकत लगाये हुए है।

डमी प्रत्याशी के रूप में नामांकन

अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने वालों में सपा की अधिकृत प्रत्याशी के रूप में यादव परिवार के बड़े राजनैतिक घराने से निशी यादव पत्नी जीतेन्द्र यादव बहू पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती यादव,पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता धनन्जय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी, सत्ताधारी दल भाजपा एवं सहयोगी दल अपना दल की संयुक्त प्रत्याशी रीता पटेल पत्नी राकेश पटेल, पूर्व सांसद हरिवंश सिंह की पुत्रबधू निलम सिंह पत्नी रमेश सिंह तथा अपना दल के ही कोटे से सुनीता वर्मा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।

यहां पर अपना दल ने सुनीता वर्मा को डमी प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कराया है। यदि अधिकृत प्रत्याशी के नामांकन पत्र में कोई समस्या होगी तो सुनीता चुनाव लड़ेगी ऐसा अपना दल के नेताओ का कथन रहा है।

नामांकन दाखिला के साथ ही इतना तो तय हो गया कि राजनैतिक दलों से अधिकृत प्रत्याशी बनने के लिए पूरी ताकत लगाने के बाद भी अब दोनों पूर्व सांसदों की महिलाओ को निर्दल प्रत्याशी के रूप में प्रथम नागरिक बनने के लिए जोर आजमाइश करना पड़ेगा।

सपा अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज

आपको बता दे पूर्व सांसद हरिवंश सिंह सत्तारूढ़ दल भाजपा के टिकट पाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रखे थे। लेकिन भाजपा सीधे चुनाव लड़ने से परहेज कर मैदान से हट गयी और आगामी विधानसभा चुनाव में वोट की गणित ठीक करने के अपने सहयोगी पार्टी अपना दल के खाते में दे दिया है।

इसलिए पूर्व सांसद हरिवंश सिंह अपने बहू नीलम सिंह को निर्दल चुनाव के मैदान में उतार दिया है। पूर्व सांसद धनन्जय सिंह भी कई राजनैतिक दलों का चक्कर लगाये पार्टी का साथ न मिलने पर अपने पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी को निर्दल चुनावी समर में उतार दिये है।

यहां बता दे कि अध्यक्ष पद को चुनने के लिए गिनती के कुल 83 सदस्य है चुनाव जीतने के लिए 42 मतों की दरकार होगी। मतदाता बड़ी संख्या में प्रत्याशियों के तिजोरी की ओर गिद्ध नजर गड़ाये बैठे है। जो अधिक कीमत देगा उसके साथ हो सकते है। इसलिए यदि यह कहा जाए कि यह चुनाव लोकतांत्रिक नहीं बल्कि धनतान्त्रिक हो गया तो अतिशयोक्ति नहीं होगा।

इस तरह यहां प्रथम नागरिक बनने के लिए बड़े पैमाने पर धन खर्च होने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है। हलांकि सदस्य संख्या की ताकत सबसे अधिक सपा के पास है। यदि पार्टी में गद्दारी नही हुई तो सपा अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हो जायेगी। अन्यथा की स्थिति में कुछ भी संभव है।

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