रामपुरः भारतीय सेना द्वारा आधी रात में एयर सर्जिकल स्ट्राइक कर बड़ी कार्रवाई को अंजाम देेने पर फायरब्रांड नेता आजम खां भी सूफियाना अंदाज में नजर आये। सेना की कार्रवाई की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे वक्त में जाति धर्म मसलक भेदभाव सबकुछ भुलाकर एक आवाज में आतंकवाद की मजम्मत करनी चाहिए। साथ ही ऐसे वक्त में एकजुट होकर हमें अन्दर और बाहर दोनों से मजबूत होना चाहिए। अमन और भाईचारे का संदेश देने वाले इस्लाम को बदनाम करने वाले और मोहम्मद का नाम लगाने वाले आतंकवादी दस्तों की पूरी दुनिया के मुसलमानों को निंदा करनी चाहिए।
भारतीय वायु सेना द्वारा पुलवामा हमले के बाद देर रात पाकिस्तान में वायु सेना की कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए आजम खान ने कहा कि वतन की हिफाजत के लिए जो भी फौजी कार्रवाई हुई जानिब से और सभी को बगैर इन सबके फर्क के कौन किस इलाके का है, पूरब से पश्चिम उत्तर से दक्षिण तक, पूरे हिंदुस्तान को एक मुट्ठी की तरह इस कार्यवाही की हिमायत करनी चाहिए और एक महफूज हिंदुस्तान का हक हमें चाहिए। इसी के साथ ऐसी तमाम फौजें है। जो मोहम्मद के नाम से जो नाम अमन का शांति का प्यार का मोहब्बत का नाम तकरीबन सोलह सौ साल से है उस नाम को बदनाम करने वाली तमाम ऐसी ताकतें हैं पूरी दुनिया के मुसलमानों को उनसे मजम्मत करनी चाहिए उनकी निंदा करनी चाहिए और ऐसी ताकतों पर ना सिर्फ रोक लगनी चाहिए बल्कि ऐसी ताकतें जो पाक मोहम्मद साहब के नाम को बदनाम करती हैं उनके नाम से दहशतगर्द मुस्लिमों की तश्किर करती हैं, बनाती हैं। उनसे दहशत फैलाती हैं बेगुनाह इंसानों की जान लेते हैं पूरी दुनिया के मुसलमानों को, इंसानों को एकजुट होकर इसकी निंदा करनी होगी। बहुत इंतिहान की घड़ी है आपसी रिश्तों को, मेल मिलाप को, मोहब्बतों को, मस्जिद मंदिर गुरुद्वारा सबको इस मौके पर एक साथ खड़े होकर वतन की हिफाजत के लिए एक जुट होना है ।
हिंदुस्तान की वायु सेना द्वारा पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई के बाद सपा नेता आजम खान ने कहा है कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलसितां हमारा वतन हमारा है और हम वतन के हैं। मैं इस मौके पर इंडियन आर्मी को, एयर फोर्स को उनके इस मुजाहिदाना कारनामे के लिए मुबारकबाद देना चाहता हूं और यह कहना चाहूंगा कि 135 करोड़ हिंदुस्तानी उन की फौज का हिस्सा हैं। हम हैं तो वतन है, वतन है तो हम हैं। हम दोनों एक दूसरे के लाजिम हैं। इसमें से एक चीज भी अगर कम होती है तो ना धर्म ना मजहब ना जात ना पूर्व से पश्चिम, ना उत्तर से दक्षिण, ना अमीर गरीब, छोटा बड़ा औरत मर्द बूढ़ा बच्चा यह कुछ भी नहीं हैं। एक खाक के ढेर के सिवा कुछ भी नहीं है। हमें कोशिश करनी है इस बात की कि हम दुश्मन के मंसूबे को कामयाब ना होने दें कि हम अंदर से कमजोर हो जाएं हमें अंदर और बाहर दोनों से मजबूत होना है। हमारे आपसी रिश्ते मजबूत होना है हमारी सरहदें मजबूत होना है और सरहद के हर दुश्मन से लड़ना है। यह भी कहना चाहूंगा कि मोहम्मद जो थे अमन शांति और मोहब्बत का नाम है। इस्लाम की बुनियाद है इस्लाम को बदनाम करने वाले लोग जो दहशत के कारखाने इस नाम से चलाते हैं कि अपनी तंजीम का नाम मोहम्मद के नाम से जोड़ते हैं मुसलमानों को दुनिया के मुसलमानों को इसकी निंदा करनी चाहिए इसकी मजम्मत करनी चाहिए। अब बगैर किसी खौफ के यह बात किसी की खुशामद में नहीं की जा रही है। किसी को खुश करने के लिए नहीं कही जा रही है क्योंकि अगर किसी को खुश करना है तो सिर्फ अपने मालिक को करना है। हम अपने मालिक की खुशी के लिए यह कहना चाहते हैं इंसानी खून कीमती है और उसे नुकसान पहुंचाने का किसी को हक है तो सिर्फ मालिक को।