लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे महंत परमहंस दास को पुलिस हिरासत में लेने को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर उस वक्त विराम लग गया। जब ये खबर आई कि परमहंस दास की तबियत बिगड़ने पर उन्हें लखनऊ के पीजीआई में एडमिट कराया गया है। उनकी हालात बेहद चिंताजनक बताई जा रही है। उन्हें पोस्ट -अप आईसीयू में रखा गया है।
बताया जा रहा है की अब किसी भी समय यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ उन्हें देखने के लिए पीजीआई पहुंच सकते है। सीएम के पीजीआई आने की खबर मिलने के बाद से पूरे कैंपस के अंदर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कैम्पस के अंदर बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन के अफसर तैनात है।
जानकारी के मुताबिक अनशन पर बैठने से परमहंस की तबियत रविवार देर रात ज्यादा बिगड़ गई थी। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अनशन स्थल से उठाकर एक एम्बुलेंस में लाद दिया। उनके समर्थकों ने इस बात का विरोध भी किया था।
उनका ये आरोप था कि पुलिस जबरन महंत का अनशन तुड़वाने के लिए ऐसा कर रही है।
जब पुलिस महंत को अपने साथ ले जा रही थी। उस समय पुलिस और महंत के समर्थकों के बीच नोकझोंक भी हुई। हालांकि पुलिस ने उन्हें डांट कर वहां से खदेड़ दिया। इससे पहले योगी सरकार के मंत्री सतीश महाना ने भी महंत से मिलकर अनशन समाप्त करने का आग्रह किया था लेकिन परमहंस दास ने मांगे पूरी न होने तक अनशन जारी रखने की बात कही थी।
पीजीआई प्रशासन का पक्ष
शाम पांच बजे जारी समाचार बुलेटिन में पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. राकेश कपूर के मुताबिक़ महंत परमहंस दास की हालत क्रिटिकल बनी हुई है। महंत की जांच में उनके पेशाब में कीटोन पाजिटिव आया है। खून में शुगर का स्तर भी बहुत कम है। महंत को डाक्टर समझाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह कुछ भी लेने को तैयार नहीं है। उन्हें पोस्ट -अप आईसीयू में रखा गया है। डाक्टर उनके इलाज पर लगातार नजर बनाये हुए है। उनका इलाज अभी भी जारी है।
निर्मोही अखाड़े ने सरकार को दी चेतावनी
संत परमहंस दास की गिरफ्तारी पर आक्रोश व्यक्त करते हुए निर्मोही अखाड़े के प्रवक्ता ने सरकार को कड़ी चुनौती दी है। सीताराम दास ने कड़े शब्दों में कहा है कि परमहंस दास की सम्मानजनक रिहाई होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो देश के सभी अखाड़े उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने भाजपा को हिंदू विरोधी सरकार कहा है।
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