Ankita Bhandari Murder Case: आज होगा अंकिता की मौत का खुलासा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सच आएगा सामने
Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता के परिजनों ने ऋषिकेश एम्स की प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट को खारिज कर दिया और डिटेल्ड पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करने लगे।
Ankita Bhandari Murder Case: ऋषिकेश स्थित एक पूर्व भाजपा नेता के बेटे के रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकिता भंडारी की फाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आज यानी सोमवार को आने की उम्मीद है। ऋषिकेश एम्स में शनिवार को अंकिता का पोस्टमार्टम हुआ था। इसके बाद जब इसकी शुरूआती रिपोर्ट बाहर आई तो बवाल मच गया। शुरूआती रिपोर्ट में बताया कि अंकिता की मौत डूबने से हुई है। नहर में धक्का देने से पहले उसे किसी भारी चीज से पीटा गया था। उसके शरीर पर चोट के निशान भी मिले।
हालांकि, रिपोर्ट में सेक्शुअल एब्यूज या रेप का जिक्र नहीं है। अंकिता के परिजनों ने ऋषिकेश एम्स की प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट को खारिज कर दिया और डिटेल्ड पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करने लगे। इसके बाद उन्होंने रविवार को अंकिता का अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया। अंकिता के परिवारवालों के समर्थन में पूरा शहर उमड़ पड़ा और जमकर विरोध – प्रदर्शन हुआ।
अंकिता की अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट आज आ सकती है। इस पीएम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर मौत की वजह क्या है ? इस रिपोर्ट से ये भी साफ हो जाएगा कि आखिर अंकिता के शरीर पर मिले चोट के निशान किस वजह से थे और क्या मौत डूबने की वजह से ही हुई या मौत का में ही मिल सकते हैं।
सीएम धामी के आश्वासन के बाद हुआ अंतिम संस्कार
19 साल की अंकिता भंडारी के परिवारवाले पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग पर अड़ गए थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने पिता को आश्वासन दिया कि पुलिस इस केस की अच्छे से जांच करेगी और फार्स्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए आरोपियों को फांसी के तख्ते तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन प्रदर्शन कर रहे लोग मानने को तैयार नहीं थे। फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता के पिता को उनकी सभी मांगे मानने का आश्वासन दिया, जिसके बाद परिवार वाले अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। रविवार को अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार एनआईटी घाट पर किया गया। अंकिता को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा था। दिनभर जिनकी आंखों में न्याय पाने के लिए आक्रोश था, वो आंखें नम थीं।