Uttarkashi News: मस्जिद हटाने को लेकर निकाली जा रही रैली पर पथराव, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
Uttarkashi News: मस्जिद हटाने को लेकर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की महारैली निकाली जा रही थी। इसी दौरान रैली में अचानक पथराव होने के बाद बवाल हो गया।
Uttarkashi News: उत्तरकाशी में मस्जिद हटाने को लेकर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की महारैली निकाली जा रही थी। इसी दौरान रैली में अचानक पथराव होने के बाद बवाल हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की काफी कोशिश की। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई। पथराव और नोकझोंक में कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। वहीं रैली में शामिल लोगों को भी चोटें आयी है। हालात पर काबू पाने और उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के पास ही गुरूवार को मस्जिद हटाने को लेकर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की तरफ से महारैली का आयोजन किया गया था। महारैली के समर्थन में स्थानीय व्यापारियों ने भी बाजार बंद कर दिया था। महारैली में शामिल लोग मुख्य बाजार होते हुए भटवाड़ी रोड पहुंचे ही थे कि पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को रोकने का प्रयास किया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गयी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। स्थानीय लोगों की मानें तो एक विशेष समुदाय के लोगों ने वरूणावत के दूसरे छोर की तरफ से पत्थरबाजी की। पुलिस को हालात काबू करने और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ गया। पथराव के दौरान कई पुलिसकर्मियों को चोटें लगी हैं। बताया जा रहा है कि हंगामा और लाठीचार्ज के दौरान स्वामी दर्शन भारती भी घायल हो गये हैं।
अवैध नहीं है मस्जिद- अधिकारी
इस संबंध में गढ़वाल आईजी करण सिंह का कहना है कि संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की महारैली का कार्यक्रम पहले से ही प्रस्तावित था। संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल के लोगों को लगता है कि अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण हुआ है। लेकिन जब इस मामले की जांच की गई तो पाया गया कि मस्जिद प्राइवेट लैंड पर बनायी गयी है। जिसका निरीक्षण उत्तरकाशी के पूर्व जिलाधिकारी ने किया था। यह मस्जिद पुरानी है और अवैध भी नहीं है। लेकिन इसके बाद भी श्रीराम सेना को प्रदर्शन करना था। जिसके लिए रूट तय किया गया था।