Ankita Murder Case: SIT को बड़ी कामयाबी, चिल्ला नहर से मोबाइल बरामद, खुलेंगे कई राज

Ankita Murder Case: हालांकि, एसआईटी ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है। मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है

Update: 2022-09-30 12:10 GMT

Ankita Murder Case  (Social Media)

Ankita Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस की जांच कर रही एसआईटी को बड़ी कामयाबी मिली है। जांच दल ने चिल्ला नहर जहां अंकिता का शव मिला था, एक मोबाइल फोन बरामद किया है। ये फोन अंकिता का हो सकता है। हालांकि, एसआईटी ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है। मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

बताया जा रहा है कि मोबाइल फोन पुलकित समेत तीनों आरोपियों को दिखाया जाएगा। ताकि ये साफ हो सके कि ये फोन अंकिता का ही है।यहां एक बात और है कि शुरू में बताया गया था कि अंकिता और पुलकित के बीच झगड़ा होने के बाद अंकिता ने उसका मोबाइल फोन फेंक दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि ये फोन पुलकित का भी हो सकता है।

वहीं, एसआईटी ने गुरूवार रात को तीनों आरोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ को तीन दिन के रिमांड पर ले लिया है। आज यानी शुक्रवार को हत्याकांड में शामिल तीनों आरोपियों को पौड़ी जेल पूछताछ के लिए लाया गया है। एसआईटी तीनों आरोपियों को घटनास्थल पर ला सकती है। बता दें कि आरोपियों ने शुरू में केस को सुसाइड दिखाने के प्रयास में पुलिस को खूब गुमराह किया था लेकिन आखिरकार सच सामने आ ही गई।

एसआईटी पर उठ रहे सवाल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अंकिता हत्याकांड की जांच एसआईटी कर रही है। हालांकि, इस पर सवाल भी उठ रहे हैं। कोटद्वार के वकील अरविंद का कहना है कि एसआईटी में शामिल सभी अधिकारियों के विभाग का नियंत्रण सरकार करती है, ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद बेमानी है। स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए जांच दल का सरकार के प्रभाव से मुक्त होना जरूरी है। इसलिए सरकार को किसी सेवानिवृत जस्टिस की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर मामले की जांच करवानी चाहिए।

बता दें कि ऋषिकेश के जिस वनतारा रिजॉर्ट में अंकिता काम करती थीं, वो उत्तराखंड बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य की थी। विनोद आर्य पूर्व मंत्री के अलावा कुछ दिनों पहले तक संगठन में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके अलावा उनका बड़ा बेटा भी दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री था। यही वजह है कि उत्तराखंड पुलिस की सक्रियता और निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। जिस तरह आनन-फानन में आधी रात को बुलडोजर से रिजॉर्ट को ध्वस्त किया गया, उस पर भी सवाल उठ रहे हैं। 

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