Chardham Yatra: चारधाम यात्रा के दौरान अब तक कुल 39 लोगों की मौत, स्वास्थ्य महानिदेशक ने ये बताया कारण

Chardham Yatra: चारधाम यात्रा की शुरुआत के मात्र 13 दिनों के भीतर ही अबतक कुल 39 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। इन मामलों के चलते अब यात्रा को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-05-16 14:16 IST

चारधाम यात्रा (फोटो-सोशल मीडिया)

Chardham Yatra: उत्तराखण्ड में जारी चारधाम यात्रा से बेहद ही चिंतनीय खबर सामने आ रही है। यात्रा के दौरान होने वाली मौतों का आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा में हो रही श्रद्धालुओं की मौतों के मामले को बेहद ही गंभीरता से लेते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है। इसके मद्देनजर अब विशेष दिशा-निर्देश (chardham yatra guidelines 2022) जारी किए गए हैं।

चारधाम यात्रा की शुरुआत के मात्र 13 दिनों के भीतर ही अबतक कुल 39 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। इन मामलों के चलते अब यात्रा को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

आपको बता दें की उत्तराखण्ड (Uttarakhand) स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को चारधाम यात्रा का हिस्सा माना जाता है। इस वर्ष की चारधाम यात्रा बीते समय में कोरोना महामारी के बाद 2 साल बाद वापस से शूरू की गई है। बीते 3 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर शुरू हुई इस चारधाम यात्रा को अबतक आज 13 दिन पूरे हो गए हैं और इस दौरान बतक़ कुल 39 लोगों की जानें जा चुकी हैं।

ये है मौतों की वजह

उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट की मानें तो चारधाम यात्रा के दौरान हो रही मौतें श्रद्धालुओं में विभिन्न स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं के चलते हो रही हैं। जिसमें ऊंचाई पर चढ़ाई करने की समस्या, सांस फूलने की दिक्कत, रक्त चाप की समस्या, हृदय सम्बंधी बीमारी, आदि बताया जा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा मामले को गंभीरता से लिए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्कता से निगरानी कर रहा है तथा साथ ही श्रद्धालुओं के लिए नए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।

आपको बता दें कि यात्रा में चारों धाम जमीनी साथ से करीब 2700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं, जिसके।चलते उम्रदराज व बीमारी से पीड़ित श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान ऊंचाई पर जाते हुए अधिक ठंड, ऑक्सीजन की कमी आदि भी दर्ज की जा रही है।

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