Uttarakhand News: सीएम तीरथ सिंह रावत और पूर्व सीएम में खींचतान, पढ़ें- क्या है मामला

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच चल रही खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े की त्रिवेंद्र सिंह ने न्यायिक जांच की मांग की है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update:2021-06-18 15:43 IST

फाइल फोटो, साभर-सोशल मीडिया

उत्तराखंड में भले ही अगले साथ विधानसभा के चुनाव हों और पार्टी आलाकमान सबकुछ ठीक करने में जुटा हो, लेकिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच चल रही खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है। बीजेपी आलाकमान ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत का राज्य की कमान सौंपी है। ताजा मामला हरिद्वार कुंभ मेले में कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े का है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस फर्जीवाड़े की न्यायिक जांच की मांग की है। त्रिवेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने जांच का आदेश देकर अच्छा कार्य किया है, लेकिन न्यायिक जांच होना बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा है कि इसमें चाहे कोई छोटा हो या बड़ा अधिकारी दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।

त्रिवेंद्र के बयान पर सीएम ने झाड़ा पल्ला

वहीं जब इसके बारे में सीएम तीरथ सिंह रावत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह उनके समय का मामला नहीं है, लेकिन फिर भी उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं। तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैं मार्च के महीने में आया हूं और ये बहुत पुराना मामला है। जब मैं मुख्यमंत्री बना तो जब इसकी जानकारी हुई तो तुरंत इस मामले की जांच कराई। तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हम चाहते हैं पूरे मामले की सच्चाई सबके सामने आए। जो भी होगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

'बीजेपी सरकार का है मामला'

सीएम तीरथ सिंह रावत के बयान के बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार करते हुए कहा राज्य में बीजेपी सरकार है। इसे किसी पद पर बैठे व्यक्ति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने कई आईएएस और पीसीएस अधिकारियों पर कार्रवाही की थी, तो तीरथ सरकार क्यों नहीं कर सकती।

फर्जी कोरोना जांच का क्या है मामला?

बता दें हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान निजी लैब द्वारा फर्जी कोविड टेस्ट की रिपोर्ट बनाने का मामला सामने आया था। जिसके बाद काफी हंगामा मचा था और सरकार ने जांच के आदेश देते हुए कई अफसरों पर कार्रवाई की थी। स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि एक निजी लैब ने टेस्ट की संख्या ज्यादा दिखाने के लिए फर्जी आधार कार्ड जमा कर टेस्ट किए। इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है। कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। वहीं एक ही घर से सैकड़ों लोगो की जांच का मामला सामने आया है।

मामले का कैसे हुआ खुलासा?

दरअसल इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ था जब प्राइवेट लैब ने पंजाब के एक युवक को कोरोना की रिपोर्ट एसएमएस कर दी। युवक ना तो हरिद्वार कुंभ मेले में शिरकत करने पहुंचा था और ना ही उसने कोविड टेस्ट कराया था। युवक द्वारा इस मामले की शिकायत इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से की गई जिसके बाद आईसीएमआर ने जांच के निर्देश जारी किए गए थे।

19 जून को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक

वहीं कल यानि 19 जून को बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी। कोविडकाल को देखते हुए कार्यसमिति का वर्चुअल आयोजन होगा। एक जुलाई से वर्चुअल जिला कार्यसमितियों का आयोजन होगा। ये 10 जुलाई तक होंगी। 10 जुलाई से मंडल कार्य समितियों की बैठक होंगी। ये बैठकें प्रत्यक्ष होंगी। इसके साथ-साथ पार्टी के अन्य कार्यक्रम भी चलेंगे। इन सभी कार्यक्रमों के प्रबंधन के लिए पार्टी ने जिम्मेदारियां भी तय कर दी हैं।

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