लाशों का ढेर बना उत्तराखंड: अब तक 70 शव बरामद, तबाह हुये कई सारे परिवार

बीते दिनों उत्तराखंड में जल प्रलय हुआ। इस भयानक आपदा से भारी नुकासान हुआ। चमोली में ग्लेशियर फटने से आस पास के घरों को बहुत क्षति हुई है। इस जल प्रलय में अब तक 70 लोगों के शव बरामद किया जा चुका है। सुरंगों में फंसे लोगों को बचाने के लिए रेसक्यू ऑपेरशन चल रहा है इस रेसक्यू के दौरान अब तक 150 से भी ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे है।

Update:2021-02-21 17:26 IST
उत्तराखंड में जल प्रलय

उत्तराखंडः बीते दिनों उत्तराखंड में जल प्रलय हुआ। इस भयानक आपदा से भारी नुकासान हुआ। चमोली में ग्लेशियर फटने से आस- पास के घरों को बहुत क्षति हुई है। इस जल प्रलय में अब तक 70 लोगों के शव बरामद किया जा चुका है। सुरंगों में फंसे लोगों को बचाने के लिए रेसक्यू ऑपेरशन चल रहा है इस रेसक्यू के दौरान अब तक 150 से भी ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे है।

7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने से आया था प्रलयः

चमोली के तपोवन में सात फरवरी की सुबह ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिर गया था। इससे पास में बसे हुए इलाकों में बाढ़ आ गई थी। इस दौरान तपोवन सुरंग में मजदूर काम कर रहे थे। जहां पर सभी मजदूर इस सैलाब में फंस गए सुरंग से मलबा निकालने का काम चल रहा है। इस खतरनाक आपदा में 206 लोगों के लापता होने की बात सामने आई थी। तब से अब तक लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

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इससे भी पहले उत्तराखंड में आ चुका है आपदाः

साल 2013 तो याद ही होगा। भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में भूस्खलन हो गया था. जिसमें तकरीबन 5000 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चली गई थी। और 4,200 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया था इस आपदा ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया था। 11,091 से ज्यादा मवेशी बाढ़ में बह गए या मलबे में दबकर मर गए थे। 100 से ज्यादा बड़े व छोटे होटल ध्वस्त हो गए। यात्रा मार्ग में फंसे 90 हजार यात्रियों को सेना ने और 30 हजार लोगों को पुलिस ने बाहर निकाला।

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इस आपदा पर क्या कहना है गढ़वाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर काः

गढ़वाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वाय पी सुंद्रियाल ने बताया कि झील के बारे में मिली जानकारी चिंतित करने वाली है. उन्होंने हाल ही में स्थानीय गांववालों की मदद से आपदा के बाद मौके का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने आपदा के बाद के हालातों को जानने की कोशिश की थी।

 

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