देहरादून में कुपोषित बच्चों की संख्या घटी, रूबेला, खसरे के टीके के आवश्यकता अभी भी
प्रदेश सरकार के प्रयासों से जनपद में अति कुपोषित बच्चों की संख्या में तेजी से कमी आयी है। जनपद में पहले 500 अति कुपोषित बच्चे थे, जिनकी संख्या घटक
देहरादून: प्रदेश सरकार के प्रयासों से जनपद में अति कुपोषित बच्चों की संख्या में तेजी से कमी आयी है। जनपद में पहले 500 अति कुपोषित बच्चे थे, जिनकी संख्या घटकर अब 250 रह गई है। इस संबंध में सभी आंगनबाड़ी केन्द्र की संचालिकाओं को निर्देशित किया गया है जनपद में जो अति कुपोषित बच्चे हैं उन्हे सामान्य बच्चों में लाने के लिए विशेष ध्यान रखा जाए।
यह जानकारी जिलाधिकारी एस.ए. मुरुगेशन को निरीक्षण के दौरान साथ में मौजूद जिला कार्यक्रम एवं बाल विकास अधिकारी एस.के सिंह ने दी। इस अवसर पर संयुक्त मजिस्ट्रेट अनुराधा पाल सहित सम्बन्धित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुपरवाईजर, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां एवं सहायिकाएं मौजूद थी। जिलाधिकारी ने धर्मपुर क्षेत्रान्तर्गत संचालित अमरनाथ कालोनी एवं रायपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र सुन्दरवाला एवं ईश्वर विहार केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान धात्री महिलाओं को मिलने वाला टेक होम राशन एवं बच्चों को मिलने वाले पुष्टाहार के सम्बन्ध में जानकारी ली गई।
आंगनबाड़ी केन्द्र सुन्दरवाला एवं ईश्वर विहार के निरीक्षण केन्द्र में बच्चों की संख्या कम होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जतायी और कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों को लाने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यत्रियों की है। उन्होने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति पाई गयी तो सम्बन्धित के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि जिन बच्चों को रूबेला एवं खसरे के टीके नही लगे हैं उन बच्चों का रूबेला एवं खसरे के टीके लगवाए जाएं।