वित्तीय अनियमितता के आरोप में गौचर नगर पालिका, वित्तीय अधिकार सीज करने के आदेश!
वित्तीय अनियमितता के आरोप में शहरी विकास मंत्रालय की ओर से गौचर नगर पालिका अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार सीज करने के आदेश दे दिए गए हैं। हालांकि, शासन स्तर पर अभी तक इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं हो पाए हैं। यही नहीं संबंधित अधिकारी भी इस संबंध में कुछ बताने से कतरा रहे हैं, जबकि जांच टीम की ओर से अभी रिपोर्ट नहीं दिए जाने की बात कही जा रही है।
देहरादून: वित्तीय अनियमितता के आरोप में शहरी विकास मंत्रालय की ओर से गौचर नगर पालिका अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार सीज करने के आदेश दे दिए गए हैं। हालांकि, शासन स्तर पर अभी तक इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं हो पाए हैं। यही नहीं संबंधित अधिकारी भी इस संबंध में कुछ बताने से कतरा रहे हैं, जबकि जांच टीम की ओर से अभी रिपोर्ट नहीं दिए जाने की बात कही जा रही है।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा है कि मेरे संज्ञान में वित्तीय अनियमितता की बात आई तो जिलाधिकारी चमोली से मामले की जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में पाया कि पालिका अध्यक्ष ने टेण्डरों में मानकों की अनदेखी की और अपने चेहतों को काम दिए गए। यही नहीं कार्य की गुणवत्ता भी निम्न श्रेणी की पाई गई।
नगर पालिका गौचर के अध्यक्ष मुकेश नेगी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है, आदेश मिलने पर कोर्ट की शरण ली जाएगी। जानकारी के अनुसार पालिकाध्यक्ष के विरुद्ध एक शिकायत शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से की गई थी। मंत्री का कहना है कि जांच जिलाधिकारी चमोली से कराई गई। जबकि कहा ये भी जा रहा है कि मंत्री के आदेश पर पालिका द्वारा प्रीक्योरमेंट एक्ट के तहत किए कार्य की जांच लोनिवि गौचर को सौंपी गई है और लोनिवि व तहसील प्रशासन के स्तर पर गतिमान है। लेकिन इस बीच पालिका अध्यक्ष के अधिकार सीज करने की बात आई है। हालांकि इस संबंध में कोई भी अधिकारी कहने से बच रहा है।
शहरी विकास विभाग के अपर सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि फाइल ऊपरी स्तर पर गई हुई है। इस मामले में बताना कुछ भी संभव नहीं है। डीएम चमोली आशीष जोशी ने भी मामले में अनभिज्ञता जाहिर की है। नगर पालिका गौचर के ईओ राधेश्याम छाछर ने भी अनभिज्ञता जाहिर की है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता केएस राणा के अनुसार अभी तक शिकायत के आधार पर की गई जांच में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। तहसीलदार की रिपोर्ट आने के बाद ही जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।