हरिद्वार कुंभः मंडराया कोरोना का खतरा, 150 निकले पॉजिटिव

कुंभ मेला में आ रहे लोगों को बाजारों में दुकानदारों के निकट संपर्क में आने से बचाया जा रहा है।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-04-06 15:51 IST

Haridwar Kumbh mela 2021:(Photo-Social Media)

हरिद्वारः सबसे बड़े कुंभ मेले को कोरोना के ग्रहण से बचाने के लिए पूरे हरिद्वार को सील कर दिया गया है। बॉर्डर के प्रत्येक रास्ते पर सुरक्षा चौकियां बनायी गई हैं। लोगों को सघन जांच के बाद ही गंगा में डुबकी लगाने के लिए जाने दिया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में सीमावर्ती इलाकों में तकरीबन 150 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से प्रशासन में हड़कम्प मच गया। पिछले चार दिन में 400 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। कोरोना पजिटिव मिले सभी लोगों को सीमा पर भी आइसोलेट करके कोरंटाइन कर दिया गया है। 14 लोगों जिनकी हालत ज्यादा खराब थी उन्हें वापस कर दिया गया है।

अभी तक मेले में कोई रौनक नहीं

कुंभ मेला में आ रहे लोगों को बाजारों में दुकानदारों के निकट संपर्क में आने से बचाया जा रहा है। कुछ कारोबारियों का कहना है कि कोरोना के चलते कुंभ मेले में कमाई की संभावना खत्म हो गई है। लोग डर के मारे मेले में काफी कम आ रहे हैं। मेला शुरू हुए काफी वक्त हो जाने के बाद भी अभी तक मेले में कोई रौनक नहीं दिख रही है।


आरटीपीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट साथ में लाना अनिवार्य

गौरतलब है कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण और आरटीपीसीआर निगेटिव जांच रिपोर्ट साथ में लाना अनिवार्य है। रेलवे प्रशासन ने भी उत्तराखंड सरकार की एसओपी के अनुसार सभी श्रद्धालुओं से आधिकारिक वेबसाइट https://www.haridwarkumbhmela2021.com/ पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है। जो लोग हरिद्वार जाना चाहते हैं उन्हें पोर्टल पर आरटीपीसीआर (निगेटिव) रिपोर्ट, मेडिकल प्रमाण पत्र और पहचान पत्र अपलोड करना होगा।


हरकी पैड़ी क्षेत्र में भी जांच की व्यवस्था

कुंभ हेल्पलाइन 1902 पर भी विस्तृत जानकारी ली जा सकती है। बिना कोरोना आरटीपीसीआर (निगेटिव) जांच रिपोर्ट (जो 72 घंटे से ज्यादा पुरानी न हो) के मेले में प्रवेश नहीं मिलेगा। हरकी पैड़ी क्षेत्र में भी जांच की व्यवस्था है और किसी व्यक्ति को थर्मल स्कैनर से जांच के उपरांत ही स्नान के लिए जाने दिया जा रहा है।

ऐसी भी खबरें है कि तकरीबन एक दर्जन साधु संत भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं जिन्हें उनके आश्रमों में ही कोरंटाइन कर दिया गया है। अभी 12, 14 और 27 अप्रैल को तीन शाही स्नान होने बाकी हैं जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है।

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