देहरादून। उत्तराखंड बोर्ड ने शिक्षा में सुधार के लिए 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला लिया है। नये साल के पहले दिन हुई समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि महापुरुषों की जयंती पर छुट्टी न करके आखिरी के दो पीरियड उसके समारोह के रूप में मनाए जाएंगे।
सचिवालय में हुई इस बैठक की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने की। बैठक में संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि मिनिस्ट्रीयल संवर्ग के हड़ताली कर्मचारियों से तत्काल वार्ता कर गतिरोध को दूर किया जाए।
बैठक में सबसे अहम फैसला यह हुआ कि छात्रों के मूल्यांकन के दृष्टिगत प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता के लिए कक्षा 5वीं और 8वीं की परिषदीय परीक्षा की जाए।
इसके लिए पेपर एससीईआरटी तैयार करेगा और सीधे प्रिंटिंग कराएंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि हर शैक्षिक सत्र में न्यूनतम 220 दिनों का शिक्षण कार्य सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सभी विद्यालयों में समान समय सारिणी लागू की जाएगी।
अब महापुरुषों की जयंती पर अवकाश न करते हुए स्कूल खुलेंगे और अंतिम दो पीरियड में संबंधित महापुरुष से संबंधित समारोह आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही शहर में जाम की स्थिति को देखते हुए स्कूलों के वाहनों को सड़क पर खड़ा न करने और स्कूलों के खुलने व बंद होने में परस्पर 15- 15 मिनट का अंतराल रखने का सुझाव भी बैठक में दिया गया।
स्कूलों की छुट्टी अलग-अलग समय पर होगी तो उससे जाम नहीं लगेगा। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से अलग रखने का भी निर्णय लिया गया है। यदि किसी कार्य के लिए मानव संसाधन की कमी हो रही हो तो उसकी आपूर्ति बाह्य स्रोतों से की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि निरीक्षण के दौरान बिना अवकाश स्वीकृत कराये अनुपस्थिति पाये जाने वाले शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों का अब सिर्फ वेतन कटेगा जबकि पूर्व में यह व्यवस्था थी कि ऐसे लोगों को सीधे निलंबित किया जाता था।