Joshimath Sinking: 'NTPC की योजनाओं ने जोशीमठ का दिल चीर दिया', भड़कीं उमा भारती ने अपनी ही सरकार के लोगों को घेरा
Uma Bharti on Joshimath Sinking: उमा भारती मंगलवार को जोशीमठ पहुंचीं। उन्होंने कहा, मैंने 2017 में ही कह दिया था कि ऐसे प्रोजेक्ट हिमालय के लिए अपूरणीय क्षति हैं।
Uma Bharti on Joshimath Sinking: उत्तराखंड चमोली जिले का खूबसूरत शहर जोशीमठ इन दिनों सुर्ख़ियों में है। जोशीमठ का भू-धंसाव अब राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। सबके अपने तर्क हैं। जोशीमठ में कई बड़े नेताओं का पहुंचना जारी है। इसी कड़ी में मंगलवार (10 जनवरी) को मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती (Uma Bharti) भी जोशीमठ पहुंचीं। कई बड़े नेता और अधिकारी क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। उमा भारती ने स्थानीय लोगों को आवश्यक कदम उठाए जाने का भरोसा दिया।
स्थानीय प्रशासन असुरक्षित जगहों से लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने में जुटी हैं। वहीं, अब तक 678 इमारतों पर लाल निशान लगाए गए हैं जिन भवनों पर लाल निशान लगे हैं, मतलब उन्हें गिराया जाएगा। खतरनाक इमारतों को गिराने का भी काम जारी है। इन सब के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती (Uma Bharti) खुद जोशीमठ पहुंचीं।
उमा बोलीं- हमने 2017 में ही कहा कह दिया था
उमा भारती ने जोशीमठ पहुंचकर मौके का जायजा लिया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'हमने 2017 में ही कहा कह दिया था कि ऐसे प्रोजेक्ट हिमालय के लिए अपूरणीय क्षति हैं। बीजेपी नेता ने कहा, उस वक्त भी हमारी ही सरकार में कुछ अधिकारी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिद पर अड़े थे। उमा भारती ने आगे कहा, कि यहां कई विशेषज्ञ आएंगे और विभिन्न राय देंगे।' उमा भारती ने अपनी ही पार्टी की सरकार के अधिकारियों पर उंगलियां उठाई।'
'पहले भी रोके गए हैं ऐसे प्रोजेक्ट'
उमा से जब मीडिया से पूछा, हिमालय क्षेत्र में पावर प्रोजेक्ट (Power Project) को क्यों जारी रखा गया? इसके जवाब में उमा भारती बोलीं, 'मैंने विशेषज्ञों की राय के साथ इस मुद्दे पर पहले भी कहा था। लेकिन, बाद में एक और एक्सपर्ट का ओपिनियन आ गया। इसलिए ये प्रोजेक्ट जारी रखा गया।' उमा भारती कहती हैं, 'पहले के समय में भी ऐसा हुआ है। प्रोजेक्ट को रोक दिया गया है।' बीजेपी नेता ने पुराना उदाहरण देते हुए कहा कि 'कांग्रेस सरकार में हरीश रावत जी के समय भी एक प्रोजेक्ट को रोका गया था। तब सरकार ने 1500 करोड़ रुपए का नुकसान उठाया था। उन्होंने कहा कि, अब भी समय है कि ऐसे प्रोजेक्ट को रोक दिया जाए। उमा भारती बोलीं, इस उत्तराखंड को 'देव भूमि' ही समझा जाए।'