Uttarakhand Election 2022 : 2017 के मुकाबले इस बार कम हुआ मतदान, सुबह कम निकले वोटर, दोपहर में तेज हुई रफ्तार

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव आज संपन्न हो गया। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2017 विधानसभा चुनाव की अपेक्षा 2022 विधानसभा चुनाव में मतदान कम हुआ है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-02-14 15:37 GMT

मतदान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: देवभूमि उत्तराखंड में विधानसभा की 70 सीटों के लिए मतदान समाप्त हो गया है। राज्य निर्वाचन आयोग (Election Commission) का कहना है कि विभिन्न जिला मुख्यालयों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक इस बार करीब 59.51 फ़ीसदी मतदान हुआ है। वैसे आयोग का यह भी कहना है कि दूरदराज इलाकों में बने कुछ पोलिंग बूथ से अभी तक फाइनल रिपोर्ट नहीं पहुंची है। फाइनल रिपोर्ट मिलने के बाद ही मतदान का बिल्कुल सटीक आंकड़ा जारी किया जाएगा।

इस बार के मतदान में सुबह तो मतदाता काफी कम संख्या में मतदान करने के लिए निकले मगर दोपहर बाद मतदान में काफी तेजी आई। यदि पिछले बार के चुनाव से तुलना की जाए तो इस बार कम मतदान हुआ है। पिछले चुनाव में 65.64 फ़ीसदी मतदान हुआ था। इस तरह इस बार मतदान के लिए पिछले चुनाव की अपेक्षा कम मतदाता बाहर निकले। वैसे खराब मौसम को भी इसका बड़ा कारण माना जा रहा है।

मैदानी इलाकों में हुआ अच्छा मतदान

उत्तराखंड में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है और इसका असर सुबह के मतदान पर भी दिखा। सुबह मतदान की रफ्तार काफी सुस्त रही और कम ही मतदाता घरों से पोलिंग बूथ पर पहुंचे। धूप निकलने के बाद दोपहर में मतदान के काम में तेजी आई और फिर मतदाता काफी संख्या में मतदान के लिए निकले। शहरी इलाके के कई पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतार दिखी। राजधानी देहरादून के लोगों ने निराश किया और यहां पर मतदान का प्रतिशत 52.93 फ़ीसदी रहा। मैदानी इलाकों में हरिद्वार और उधम सिंह नगर में मतदाताओं में मतदान के प्रति जबर्दस्त उत्साह दिखा। हरिद्वार में 68.73 और उधम सिंह नगर में 65.13 प्रतिशत मतदान हुआ। उधम सिंह नगर की खटीमा विधानसभा सीट पर ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव मैदान में उतरे हैं और उनके विधानसभा क्षेत्र में भी अच्छे मतदान की खबर है।

पहाड़ी इलाकों में भी लोग घरों से बाहर निकले

वैसे खराब मौसम के बावजूद दुर्गम और पहाड़ी इलाकों जैसे रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली, बागेश्वर आदि स्थानों पर उम्मीद से ज्यादा लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया। नैनीताल में भी 63.12 फ़ीसदी मतदान हुआ है। गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र में स्थित सबसे ऊंचा पोलिंग स्टेशन पर भीषण ठंड और बर्फीले माहौल में भी लोग मतदान करने के लिए घरों से बाहर निकले।

समुद्र तल से करीब 11000 फुट की ऊंचाई पर बनाए गए इस पोलिंग स्टेशन पर 138 मतदाताओं के नाम दर्ज थे। मतदाताओं और पोलिंग पार्टियों के लिए इस बूथ तक पहुंचना भी बड़ी चुनौती थी। चुनाव आयोग की ओर से इस बार बुजुर्ग और बीमार लोगों को बूथ तक लाने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई थी। इस काम में एनसीसी कैडेट्स और अन्य वॉलिंटियर्स को लगाया गया था।

पिछले चुनाव में दिखा था ज्यादा उत्साह

यदि 2017 के विधानसभा चुनाव को देखा जाए तो उस समय राज्य में 65.64 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। पहले निर्वाचन आयोग की ओर से 68 फीसदी मतदान का दावा किया गया था मगर बाद में आयोग की ओर से संशोधित आंकड़े जारी किए गए थे। 2017 के चुनाव में 2012 की अपेक्षा 6.50 लाख अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया था।

2007 की तुलना में मतदाताओं की संख्या में 13.27 लाखों लोगों की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। 2017 के चुनाव में 69.34 फ़ीसदी महिलाओं और 62.28 फीसदी पुरुष मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस तरह मतदान के मामले में महिलाएं पुरुषों से आगे थीं। पिछले चुनाव में उधमसिंह नगर में सबसे ज्यादा 75.79 फ़ीसदी मतदान हुआ था जबकि अल्मोड़ा में 52.81 फ़ीसदी मतदान दर्ज किया गया था। राज्य के कई मतदेय स्थल ऐसे भी थे जहां एक भी मत नहीं डाला गया था।

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