दोनो टीएसआर से बेहतर रहे धामी, विभागों का मोह छोड़ साथियों का बढ़ाया कद

Uttarakhand Cabinet Minister List 2021: धामी ने 2022 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए बड़े विभागों को अपने कब्जे में रखने की नीति का त्याग कर दिया है और सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य और धन सिंह रावत आदि वरिष्ठ मंत्रियों का कद बढ़ा दिया है ताकि उनके अनुभवों का लाभ लेते हुए सरकार चुनावी साल में जमीनी स्तर पर नतीजे दे सके।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Shivani
Update: 2021-07-07 05:30 GMT

सीएम पुष्कर सिंह धामी (फोटो: सोशल मीडिया)

Uttarakhand Cabinet Minister List 2021 : उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने अपने मंत्रिमंडल के विभागों के बंटवारे में उदारता दिखाकर अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) और तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) की छुट्टी कर दी है। धामी ने 2022 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए बड़े विभागों को अपने कब्जे में रखने की नीति का त्याग कर दिया है और सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य और धन सिंह रावत आदि वरिष्ठ मंत्रियों का कद बढ़ा दिया है ताकि उनके अनुभवों का लाभ लेते हुए सरकार चुनावी साल में जमीनी स्तर पर नतीजे दे सके।

पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट (Pushkar Singh Dhami Ki Cabinet) 

धामी ने विभागों के बंटवारे में सतपाल महाराज को लोक निर्माण, सिंचाई और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिये हैं तो डॉ. हरक सिंह रावत को वन, श्रम, आयुष जैसे विभागों के साथ ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया है। इसी तरह यशपाल आर्य को परिवहन समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण के साथ आबकारी जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी है। धन सिंह रावत को स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। बंशीधर भगत को शहरी विकास आवास और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति जैसे विभाग दिये हैं। इसके अलावा सुबोध उनियाल को कृषि एवं कृषक कल्याण तो अरविंद पांडे को बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के साथ युवा कल्याण पंचायती राज जैसे विभाग दिये हैं।


विभागों के बंटवारे से एक बात साफ है कि मुख्यमंत्री धामी की नजर 2022 के चुनावों पर है और वह रिजल्ट देकर पार्टी आलाकमान के उन पर किये गए विश्वास को सही साबित करने में जुट गए हैं। उत्तराखंड में युवा चेहरे पर दांव लगाकर पार्टी आलाकमान भी दिग्गज नेताओं की गुटबाजी को कड़ा संदेश दे चुका है कि पार्टी भविष्य के नेतृत्व निर्माण की दिशा में आगे बढ़ चुकी है।

उत्तराखंड मंत्रिंमंडल

मजे की बात यह है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत रहे हों या तीरथ सिंह रावत दोनो ही साढ़े चार साल के दौरान स्वास्थ्य, लोक निर्माण, ऊर्जा, उद्योग, वित्त, गृह, आबकारी, खनन, चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और राजस्व जैसे महत्वपूर्ण विभाग खुद अपने क़ब्ज़े में लिये रहे और विवादित होते गए। हालात ये रही कि ये दोनो ही अपने विभागों की समीक्षा भी ठीक से नहीं करपाए। लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस परिपाटी को तोड़ दिया है और विभागों का भारी बोझ अपने ऊपर न रखकर कैबिनेट सहयोगियों में बांट दिया है ताकि नाराजगी भी न रहे और वह खुद चुनावी मोर्चाबंदी में लीड कर सकें।

कुल मिलाकर धामी ने भारी-भरकम विभाग मंत्रियों में बाँटकर सबका साथ पाने का अच्छा दांव खेला है। सीएम धामी के पास अब 15 विभाग हैं, जबकि मंत्रियों में सतपाल महाराज के पास आठ, हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल के पास सात-सात और यशपाल आर्य और अरविंद पांडे के पास छह-छह तो बंशीधर भगत और डॉ धन सिंह रावत के पास पांच-पांच विभाग और चुफाल, रेखा आर्य, गणेश जोशी और स्वामी यतीश्वरानंद को चार-चार विभाग देकर संतुष्ट करने का प्रयास किया है।
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