Uttarakhand में दो बड़े कांग्रेस नेताओं के बीच छिड़ी जंग, आपस में भिड़े हरीश रावत और हरक सिंह
उत्तराखंड कांग्रेस के दो बड़े नेता हरीश रावत और हरक सिंह आपस में ही भिड़ गए हैं। पार्टी ने इस विवाद को शांत करने के लिए बैठक बुलाई है। जानें आखिर दोनों में क्यों खिंची तलवारें?
Uttarakhand Congress News : उत्तराखंड कांग्रेस (Uttarakhand Congress) में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अभी हाल में तीन वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्यता ग्रहण (Congress Leaders Join AAP) कर ली थी। अब राज्य में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बीच खुली जंग छिड़ गई है। दोनों नेता एक-दूसरे पर वार-पलटवार करने में जुटे हुए हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) और विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने वाले हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) के बीच छिड़ी ये जंग कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन गई है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र सिंह यादव (Congress state in charge Devendra Singh Yadav) ने रविवार को प्रदेश कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई है। जानकारों का कहना है कि यह बैठक विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है। मगर हकीकत में इस बैठक का मकसद कांग्रेस नेताओं के बीच चल रही जंग को शांत कराना है। अब प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की नजरें 17 जुलाई को होने वाली इस बैठक पर टिकी है।
हरीश की अगुवाई में कमजोर हो रही कांग्रेस
प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत इन दिनों काफी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने हाल में प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं के साथ बैठक भी की थी। इस बैठक में प्रतिपक्ष के पूर्व नेता प्रीतम सिंह (Pritam Singh) भी शामिल हुए थे। इसके साथ ही हरक सिंह ने हाल में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari) से भी मुलाकात की थी। अब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि हरीश रावत की अगुवाई में प्रदेश में कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है। हरीश रावत कांग्रेस को मजबूत बनाने के प्रति तनिक भी गंभीर नहीं हैं।
भाजपा से निकाले गए थे हरक सिंह रावत
दूसरी ओर, हरीश रावत भी हरक सिंह के खिलाफ हमला करने में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस को ऐसे नेता के बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए जो भाजपा से खदेड़े जाने के बाद कोई विकल्प न होने पर कांग्रेस में शामिल हो गया। हरक सिंह की गतिविधियों पर गुस्सा जताते हुए हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट (Harish Rawat Post On Social Media) लिखा है। हालांकि, उन्होंने हरक सिंह का नाम नहीं लिखा है, मगर उनका इशारा पूरी तरह से स्पष्ट है।
हरीश रावत का कहना है कि हरक सिंह भाजपा से मोहभंग होने के कारण कांग्रेस में नहीं लौटे बल्कि सच्चाई तो यह है कि भाजपा ने उन्हें निकाल दिया था और उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था। इस कारण उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। हरीश रावत ने कोश्यारी से हरक सिंह की मुलाकात को रहस्यमयी बताया है। उन्होंने कहा कि हरक सिंह ने ऐसे नेता से मुलाकात की है जो महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या का साझेदार रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सच बताने के लिए ऐसी खबरों का खंडन करना चाहिए।
कांग्रेस नेतृत्व सुलह कराने में जुटा
उत्तराखंड कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं में छिड़ी यह जंग पार्टी नेतृत्व के लिए चिंता का कारण बन गई है। उत्तराखंड के कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव ने रविवार को एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों और पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। हालांकि यह बैठक अग्निपथ योजना, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर धामी सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के नाम पर बुलाई गई है मगर इसका असली मकसद हरक सिंह और हरीश रावत के बीच सुलह करना कराना बताया जा रहा है। हरक सिंह ने 2016 में भाजपा का दामन थाम कर हरीश रावत को बड़ा झटका दिया था। तभी से हरीश रावत समय-समय पर हरक सिंह पर हमला बोलते रहे हैं।