Uttarakhand Election 2022: डोईवाला को टिकट के दावेदारों ने बनाया हॉट सीट
डोईवाला सीट पर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही भाजपा का गढ़ रही है। 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में त्रिवेंद्र सिंह रावत विजयी रहे।
Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड की डोईवाला सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने जा रहा है क्योंकि यहां पहली बार भाजपा और कांग्रेस ने लोकल प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। इसके अलावा डोईवाला सीट के लिए भाजपा में काफी खींचतान मची हुई थी और अब भी स्थानीय नेताओं का असंतोष शांत नहीं हुआ है। यही हाल कांग्रेस में भी है। माना जा रहा है कि दोनों दलों के असंतुष्ट चुनाव मैदान में निर्दलीय उतर सकते हैं।
डोईवाला सीट पर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही भाजपा का गढ़ रही है। 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में त्रिवेंद्र सिंह रावत विजयी रहे। हालांकि, 2002 के चुनाव में उनकी जीत का अंतर 1536 वोटों का था, मगर 2007 के चुनाव में यह अंतर 14127 वोट का हो गया। 2012 के चुनाव में भाजपा ने डा. रमेश पोखरियाल निशंक को डोईवाला सीट पर उतारा। निशंक ने चुनाव जीतकर भाजपा की झोली में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की।
इस बार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के यहां से लड़ने की चर्चा थी लेकिन उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया। इसके चलते इस सीट से अपने चहेतों को टिकट दिलाने के लिए हर किसी ने लामबंदी शुरू कर दी थी। निशंक के अब पार्टी ने इस सीट के लिए बृज भूषण गैरोला पर दांव खेल लिया है। पहले माना जा रहा था कि दीप्ति रावत भारद्वाज को यहां से प्रत्याशी बनाया जाएगा। लेकिन टिकट के स्थानीय दावेदार उनका विरोध कर रहे थे।
दबाव में आकर पार्टी ने गैरोला को टिकट दिया है। वे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का करीबी बताए जाते हैं। इस सीट के लिए काफी खेमेबाजी चल रही थी लेकिन त्रिवेंद्र रावत ने बृजभूषण गैरोला को जिस अंदाज में टिकट दिलवाया, उससे निशंक समर्थकों के सब दांव फेल हो गए हैं।
वहीं कांग्रेस से टिकटों के लिए दावेदारों की लंबी सूची थी। लेकिन पार्टी ने युवा नेता मोहित उनियाल को मैदान में उतारा है। मोहित उनियाल राजीव गांधी पंचायत राज संगठन के प्रदेश संयोजक का दायित्व निभा रहे हैं। इससे पूर्व वह एनएसयूआई में राष्ट्रीय सचिव, महासचिव तथा उपाध्यक्ष का दायित्व निभा चुके हैं।
डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में नगर पालिका परिषद डोईवाला के अलावा नगर निगम देहरादून के सात वार्ड शामिल हैं। इस विधानसभा क्षेत्र की 60 प्रतिशत आबादी मैदानी क्षेत्र में और 40 प्रतिशत आबादी पर्वतीय क्षेत्र में है। इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल एक लाख 66 हजार 605 मतदाता हैं।