Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में नतीजे से पहले ही धामी और रावत में घमासान, मतदान के बाद दोनों नेताओं का बहुमत का दावा

Uttarakhand Election 2022: पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने विधानसभा की 70 में से 48 सीटें जीतने का दावा किया है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि रावत मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-02-16 14:20 GMT

पुष्कर सिंह धामी और हरीश रावत। (Social Media) 

Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) के लिए दो दिन पूर्व हुए मतदान के बाद अब सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इस बार के चुनाव में भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच कड़ी सियासी जंग दिखी और सियासी जानकार भी इस बात का आकलन नहीं कर पा रहे हैं कि ऊंट किस करवट बैठेगा। दूसरी और भाजपा और कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने राज्य के चुनावी नतीजे को लेकर दावा करना शुरू कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत (Congress campaign committee president Harish Rawat) ने विधानसभा की 70 में से 48 सीटें जीतने का दावा किया है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) का कहना है कि रावत मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं और भाजपा एक बार फिर बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब होगी।

धामी बोले: रावत देख रहे हैं सपने

रावत की ओर से 48 सीटें जीतने के दावे पर धामी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को हुए मतदान को देखने के बाद यह पक्के तौर पर कहा जा सकता है कि कांग्रेस किसी भी सूरत में सत्ता में नहीं आ रही है। उन्होंने रावत के दावे को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सच्चाई तो यह है कि वे मुंगेरीलाल की तरह हसीन सपने देखने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने एक बार फिर भाजपा में ही भरोसा जताया है और पार्टी फिर राज्य में बहुमत की सरकार बनाने में सफल होगी।

रावत ने किया 48 सीटों का दावा

दूसरी ओर कांग्रेस नेता हरीश रावत (Congress campaign committee president Harish Rawat) पार्टी के प्रदर्शन को लेकर बड़ा दावा करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस (congress) को राज्य के लोगों का आशीर्वाद मिला है और पार्टी 48 सीटें जीतने में कामयाब होगी। उन्होंने कहा कि मतदान को देखने के बाद मैं इस बात को पूरे दावे के साथ कह सकता हूं।

एक कदम और आगे बढ़ते हुए रावत ने यहां तक कह डाला कि उनके मुख्यमंत्री बनने का पार्टी में किसी भी नेता की ओर से कोई विरोध नहीं किया जा रहा है। रावत ने कहा कि उत्तराखंड के संबंध में पार्टी आलाकमान का फैसला हर किसी को मंजूर होगा। पार्टी के जीतने की स्थिति में इसका पूरा श्रेय राहुल गांधी को ही जाएगा।

मतदाताओं का रुझान भाजपा के खिलाफ

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को इस बात को समझ लेना चाहिए कि राज्य के लोगों का फैसला उसके खिलाफ गया है। मतदाताओं के रुख से स्पष्ट है कि पार्टी 20 सीटों का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाएगी। रावत ने कहा कि राज्य की छह विधानसभा सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला है और उसके बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री धामी को इस बात के लिए बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने भाजपा की लुटिया पूरी तरह डूबने से बचा ली है।

इस बार मिथक टूटेगा या नहीं

उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन होता रहा है। 2002 के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता बदलाव का यह दौर चलता रहा है। इस बार के चुनाव में हर किसी की नजर इस बात पर टिकी हुई है कि इस बार यह मिथक टूटेगा या नहीं।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 57 सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को पूरी तरह बैकफुट पर ढकेल दिया था। कांग्रेस सिर्फ 11 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। अन्य उम्मीदवारों को 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

इस बार दोनों दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखते हुए कई सियासी जानकार 2012 जैसे चुनावी नतीजे की आशंका भी जता रहे हैं। 2012 में कांग्रेस को 32 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि भाजपा के खाते में 31 सीटें आई थीं। मतदान के बाद अब हर किसी को नतीजे की घोषणा का बेसब्री से इंतजार है। राज्य के चुनावी नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।

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