Uttarakhand: पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत का एक और विवादित बयान, बोले – उत्तराखंड में कमीशनखोरी यूपी की देन
Uttarakhand: पौड़ी गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कमीशन के रूप में एक निश्चित रकम खर्च किए बिना कोई काम नहीं हो सकता।
Uttarakhand: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पौड़ी से बीजेपी सांसद तीरथ सिंह रावत लंबे समय बाद एक बार फिर खबरों में हैं। इस बार भी अपने एक अजीब तर्क को लेकर वो चर्चा में हैं। दरअसल, उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अपने ही पार्टी की राज्य सरकार के दावे पर सवाल खडे करते हुए नजर आ रहे हैं। वह कह रहे हैं कि उत्तराखंड में कमीशन के बगैर कोई काम नहीं हो सकता।
आगे वह कहते हैं, भले ही मैं मुख्यमंत्री रहा हूं और शायद यह नहीं कहना चाहिए, मगर मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि जब हम उत्तर प्रदेश से अलग हुए थे तो वहां सार्वजनिक काम करने के लिए 20 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। विभाजन होने के बाद यह जीरो हो जानी चाहिए थी, मगर यह जारी रही और हमने 20 प्रतिशत के साथ शुरूआत की।
कमीशनखोरी की प्रथा उत्तर प्रदेश में प्रचलित
पौड़ी गढ़वाल से सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड को साल 2000 में यूपी से अलग कर बनाया गया था। तब मुझसे कहा गया कि उत्तराखंड में कमीशन के रूप में एक निश्चित रकम खर्च किए बिना कोई काम नहीं हो सकता। कमीशनखोरी यूपी में प्रचलित एक प्रथा थी, दुर्भाग्य से यह उत्तराखंड में जारी है। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। यह एक मानसिकता है, जो तभी समाप्त होगी जब हम राज्य को अपने परिवार के रूप में देखने लेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान ने विरोधियों को दिया बड़ा मुद्दा
दिलचस्प बात ये है कि यूपी और उत्तरखंड दोनों राज्यों में बीजेपी पिछले 6 सालों से सत्ता में है। उत्तराखंड में तो पार्टी ने सत्ता में लंबा वक्त बिताया है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान ने विरोधियों के हाथों में बीजेपी को घेरने के लिए एक बड़ा मुद्दा थमा दिया है।
तीरथ सिंह रावत का विवादों से पुराना नाता
बता दें कि तीरथ सिंह रावत का विवादों से पुराना नाता रहा है। लड़कियों के पहनावे पर टिप्पणी कर वह बुरी तरह फंस गए थे, बाद में उन्हें माफी तक मांगनी पड़ी। रावत को 10 मार्च 2021 को उत्तराखंड का सीएम बनाया गया था लेकिन जुलाई 2021 में ही पार्टी ने उनसे इस्तीफा लेकर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया था।