उत्तराखंड में बड़ा हादसा: हिमस्खलन की चपेट में आया नौसेना का पर्वतारोही दल, राहत बचाव कार्य जारी
त्रिशूल पर्वत पर भारतीय नौसेना की एक टीम आज हिमस्खलन की चपेट में आ गई
Uttarakhand Hadsa: उत्तराखंड के त्रिशूल पर्वत पर भारतीय नौसेना की एक टीम हिमस्खलन (avalanche) की चपेट में आ गयी है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक करीब 10 लोग हिमस्खलन की वजह से त्रिशूल पर्वत पर फंस गए हैं। नौसेना के पर्वतारोही दल की टीम के फंसने की सूचना प्राप्त होते ही नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (Nehru Institute of Mountaineering)(NIM), उत्तरकाशी से बचाव दल त्रिशूल पर्वत के लिए रवाना हो गया है।
त्रिशूल पर्वत पर चढ़ाई के दौरान नौसेना का पर्वतारोही दल हिमस्लखन में फंसा। पांच जवान और एक पोर्टर एवलांच में लापता। उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतरोहण संस्थान (निम) से रेस्क्यू टीम हेलीकाप्टर से रवाना।
त्रिशूल बेस कैम्प के आगे हिमस्खलन की सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि त्रिशूल पर्वत पर तकरीबन 6700 मीटर की ऊंचाई पर ट्रैकिंग करने गयी भारतीय नौसेना कि पर्वतारोही टीम हिमस्खलन में फंसी है। घटना की जानकारी मिलते ही NIM के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम बचाव कार्य के लिए रवाना हो गयी। कर्नल अमित बिष्ट त्रिशूल पर्वत के सबसे जानकार व्यक्तियों में से एक हैं और वे त्रिशूल पर्वत पर सफलता पूर्वक पर्वतारोहण कर चुके हैं।
माउंट त्रिशूल चमोली जनपद की सीमा पर कुमांऊ के बागेश्वर जनपद में है। 3 चोटियों का समूह होने के कारण इसे त्रिशूल पर्वत कहते हैं।
आपको बता दें कि मुम्बई से नौसेना का 20 सदस्यीय दल 3 सितंबर को मुंबई से रवाना हुआ था और उनमें से 10 पर्वतारोहियों ने आज सुबह अपनी यात्रा का आखिरी चरण शुरू किया था लेकिन वे त्रिशूल पर्वत पर हिमस्खलन में फंस गये हैं।
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोहियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि-"हिमस्खलन में फंसे 10 पर्वतारोहियों में 5 तो सुरक्षित हैं लेकिन बाकी के 5 सैनिकों की तलाश एवं बचाव कार्य सेना, वायुसेना एवं राज्य आपदा प्रबंधन बल के साथ तालमेल बनाते हुए की जा रही है।''