यमुनोत्री में भूस्खलन: बंद हुआ पैदल मार्ग, कई तीर्थयात्री फंसे

यमनोत्री धाम की पैदल यात्रा बंद कर दी गयी है। बताया जा रहा है कि भूस्खलन के कारण मार्ग ध्वस्त हो गया है। ऐसे में आवागमन बाधित हो गया।

Update: 2020-09-11 15:21 GMT

देहरादून: उत्तराखंड स्थित चार धामों में से एक यमुनोत्री धाम की पैदल यात्रा का मार्ग भूस्खलन के कारण ध्वस्त हो गया। जिसके चलते यात्रा रोक दी गयी है। जानकीचट्टी से यमुनोत्री पैदल मार्ग के बीच बने गार्डर पुल, रेलिंग और शेड के अलावा पास में भी नीलगिरी महाराज की कुटिया भी ध्वस्त हो गई। हालत ये हुई कि कुटिया में रहने वाले साधू बाल बाल बचे। उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान स्थांनतरित किया गया है। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर और मार्ग बंद होने के कारण यमुनोत्री धाम की यात्रा रोक दी गई है।

यमनोत्री धाम की पैदल यात्रा बंद

दरअसल, यमनोत्री धाम की पैदल यात्रा बंद कर दी गयी है। बताया जा रहा है कि भूस्खलन के कारण मार्ग ध्वस्त हो गया है। ऐसे में आवागमन बाधित हो गया। वहीं इस कारण करीब 24 से ज्यादा तीर्थयात्री और स्थानीय लोग यमुनोत्री की ओर फंस गए, जिन्हें पुलिस और SDRF की मदद से सुरक्षित निकाला जा रहा है।

भूस्खलन के कारण 40 किलोमीटर मार्ग ध्वस्त

गौरतबल है कि मानसून के चलते उत्तराखंड में कई दिनों से बारिश हो रही थी। ऐसे में राज्य के कई इलाके पहले ही बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित थे। लोगों के मकान ढह गए। वहीं अब बारिश का सिलसिला थमा तो चटक धूप से बीच क्षेत्र में भारी भूस्खलन हो गया। इससे पैदल मार्ग का करीब 40 मीटर हिस्सा ध्वस्त तबाह हो गया।

कई यात्री और स्थानीय लोग फंसे

कई लोगों के फंस जाने के बाद पुलिस एसडीआरएफ, राजस्व एवं लोनिवि की टीमें मौके पर भुस्खलन से लोगों को बचाने में जुट गयी हैं। यहां हैदराबाद, मुंबई, उत्तरप्रदेश और हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों के यात्री फंसे हुए हैं। इन्हे जंगल में रस्सियों की मदद से निकाला जा रहा है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से अन्य तीर्थ यात्रियों को स्यानाचट्टी बैरियर पर ही रोक दिया गया है।

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