जानें कौन थीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश, कैसा रहा राजनीतिक सफर
उत्तराखंड की राजनीति में अपनी अलग धमक रखने वालीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और नेता प्रतिपक्ष अब इस दुनिया में नहीं रहीं।
नई दिल्ली: उत्तराखंड की राजनीति में अपनी अलग धमक रखने वालीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और नेता प्रतिपक्ष अब इस दुनिया में नहीं रहीं। ह्रदय गति रुकने से रविवार को उनका दिल्ली के एक अस्पताल में निधान हो गया। इंदिरा हृदयेश ऐसी नेत्रियों में थीं, जिनका मकसद केवल विकास करना रहा। अपने राजनीतिक कॅरियर में इंदिरा ह्रदयेश ने उत्तराखंउ की राजनीति को नए मुकाम तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया। प्रदेश में काफी कुछ विकास करने का श्रेय इंदिरा ह्रदयेश को जाता है। कुमाऊं मंडल के लोग उन्हें अपना मसीहा मानते हैं।
1974 में पहली बार विधान परिषद चुनीं गईं
7 अप्रैल, 1941 में जन्मी इंदिरा हृदयेश की 80 की उम्र में दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके राजनीतिक सफर पर नजर डाले तो पहली बार वह वर्ष 1974 में वह उत्तर प्रदेश के विधान परिषद चुनी गईं। इसके बाद इंदिरा ह्रदयेश लगतार वर्ष 1986, 1992 और 1998 चार बार अविभाजित उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनीं गईं। वहीं वर्ष 2000 में अंतरिम उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनं और प्रखरता के साथ उत्तराखंड के मुद्दों को उठाया। इसी के साथ वर्ष 2002 में उत्तराखंड का जब पहला विधानसभा चुनाव हुआ तो वह हल्द्वानी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ीं और जीत भी हासिल कीं। इंदिरा ह्रदयेश एकबार फिर नेता प्रतिपक्ष बन विधानसभा पहुंचीं और यहां उन्हें एनडी तिवारी सरकार में संसदीय कार्य, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों को देखने का मौका मिला।
सुपर मुख्यमंत्री का मिला दर्जा
इंदिरा ह्रदयेश का एनडी तिवारी सरकार में इतना बोलबाला था कि उन्हें 'सुपर मुख्यमंत्री' तक कहा जाने लगा था। उस समय यह प्रचलित था कि इंदिरा ह्रदयेश जो कह दें वह पत्थर की लकीर है उसे उनडी तिवारी सरकार भी नहीं काट सकती थी। वष्र 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन वर्ष 2012 में वह न सिर्फ विधानसभा चुनाव जीतीं बल्कि विजय बहुगुणा और हरीश रावत सरकार में वित्त मंत्री व संसदीय कार्य सहित कई महत्वपूर्ण विभाग इंदिरा ह्रदयेश के पास ही रहा। इसी क्रम में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इंदिरा ह्रदयेश एक बार फिर हल्द्वानी विधानसभा से जीत हासिल कीं। इस दौरान कांग्रेस विपख में थी और उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। इंदिरा ह्रदयेश को उत्तराखंड की राजनीति में आयरन लेडी के नाम से जाना जाता है।
अयोध्या में हुआ था जन्म
इंदिरा ह्रदयेश का जन्म 7 अप्रैल, 1941 को अयोध्या में हुआ था। वह हिंदी और राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने के साथ ही बीएड और पीएचडी की भी डिग्री हासिल की थी। परिवार में उनके 3 पुत्र हैं।