उत्तराखंड में मंत्रियों को साझा करना होगा अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड

उत्तराखंड सरकार अपने साल भर का कामकाज जनता से सामने रखेगी। मन्त्रियों को अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड साझा करना होगा और सुशासन के लिए अफसरों को अब ब्लॉक स्तर तक जन सुनवाई करनी होगी। बुधवार को त्रिवेन्द्र कैबिनेट की बैठक में कुछ इसी आशय के कई फै

Update: 2018-01-24 14:02 GMT
उत्तराखंड में मंत्रियों को साझा करना होगा अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड

देहरादून: उत्तराखंड सरकार अपने साल भर का कामकाज जनता से सामने रखेगी। मन्त्रियों को अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड साझा करना होगा और सुशासन के लिए अफसरों को अब ब्लॉक स्तर तक जन सुनवाई करनी होगी। बुधवार को त्रिवेन्द्र कैबिनेट की बैठक में कुछ इसी आशय के कई फैसले लिए गए।

कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। मुख्य रूप से पांच प्रस्ताव आज कैबिनेट में लाए गए और उन पर मुहर लग गई। हालांकि एजेंडे के अलावा भी कुछ प्रस्ताव पेश किए गए जिन पर कैबिनेट की मुहर लगी। कैबिनेट बैठक में तय किया गया है कि सभी मन्त्री अपने विभागों के कामकाज का ब्यौरा अगले माह तक सार्वजनिक करेंगे।सुशासन की दृष्टि से जिलाधिकारियों को अब सोमवार के दिन वीआईपी ड्यूटी से छूट दी गई है जबकि बुधवार के दिन सीडीओ और एसडीएम ब्लॉक स्तर तक सुनवाई करेंगे। कैबिनेट बैठक में रेरा के तहत बिल्डरों को विलम्ब शुल्क में छूट के अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत अंतरिक्ष प्रयोगशाला के 15 नियमित कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का तोहफ़ा दिया गया है।

कैबिनेट में सहायक विकास अधिकारी और सहायक पंचायत राज अधिकारी से जुड़ी नियमावली को भी मंज़ूरी दे दी गई। जीएसटी के तहत कारोबारियों को छूट मिलेगी तो स्वामी विवेकानंद धर्मार्थ चिकित्सालय को भूमि में लगभग 28 लाख का स्टाम्प शुल्क माफ करने का फ़ैसला भी लिया गया।

त्रिवेन्द्र सरकार जनता के बीच सुशासन का संदेश देने की कोशिश कर रही है और यही वजह है कि जन सुनवाई का फैसला अब ब्लॉक स्तर तक लिया गया है। मन्त्रियों के कामकाज का ब्यौरा भी पारदर्शी कामकाज का एक अच्छा उदाहरण कहा जा सकता है। बहरहाल कैबिनेट के फैसलों पर कितनी जल्दी अमल होता है इस पर आम जनता की नजर रहेगी।

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