Uttarkashi Tunnel Accident: रेस्क्यू ऑपरेशन का 9वां दिन, पहुंची DRDO टीम, रोबोट बचाएंगे जान; 6 इंच चौड़ा पाइप मजदूरों तक पहुंचा

Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी में टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकाले जाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुरू से नजर है। पीएम मोदी उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर लगातार संपर्क में बने हुए हैं।

Update:2023-11-20 17:16 IST

Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक निर्माणधीन टनल के धंसने के कारण अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 9वां दिन है। 12 नवंबर से सुरंग के अंदर 41 मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों की 200 से अधिक लोगों की टीम दिन-रात 24 घंटे लगी हुई है। हालांकि, अभी तक कोई अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आ पाया है।

इस तरह के ऑपरेशन में महारथ रखने वाली विदेशी कंपनियों से भी सहयोग लिया जा रहा है। हॉलैंड से नई ड्रिलिंग मशीन मंगाई जा रही है। विदेश से मंगाई जा रही एक ऐसी ही मशीन को ला रहा एक ट्रक सोमवार सुबह को हादसे का शिकार हो गया। जानकारी के मुताबिक, आज सुबह करीब 3 बजे राजधानी देहरादून से उत्तरकाशी मशीन को ला रहा ट्रक ऋषिकेश में खाई में गिर गया है। इस हादसे में मशीन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

मजदूरों तक पहुंचा पाइप

मजदूरों तक छह 6 इंच चौड़ा पाइप पहुंचा है। जानकैरीा मिली है कि अब मजदूरों को पाइप के जरिए मूंग की खिचड़ी भेजी जाएगी। इसके साथ ही टीम लगातार मजदूरों की सुरक्षा में कार्यरत है। सीएम धामी द्वारा पल पल की रिपोर्ट ली जा रही है।

पहुंची डीआरडीओ की टीम

सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए DRDO की रोबोटिक्स मशीन टीम सिलक्यारा सुरंग स्थल पर पहुंची। अब डीआरडीओ की टीम पहाड़ों की जांच करेगी। इसके साथ ही रोबोट का मजदूरों को बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। 

पीएम मोदी ने सीएम धामी से ली जानकारी

उत्तरकाशी में टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकाले जाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुरू से नजर है। पीएमओ के अधिकारी लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के ही आदेश पर बाद में इस ऑपरेशन में भारतीय सेना को भी शामिल किया गया। इसके अलावा पीएम मोदी उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर लगातार संपर्क में बने हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने सोमवार को भी मुख्यमंत्री से बचाव कार्यों की जानकारी ली। पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए बताया, पीएम नरेंद्र मोदी जी ने दूरभाष के माध्यम से सिलक्यारा के पास निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने हेतु संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

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केंद्र व राज्य की एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एक्सपर्ट्स की राय भी ली जा रही है।सुरंग के अंदर फंसे सभी श्रमिकों को शीघ्र व सकुशल बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है।

रविवार को गडकरी ने किया था दौरा

कल यानी रविवार को केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी घटनास्थल पर बचाव कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार की कई एजेंसियों के अलावा निजी एजेंसियां भी काम कर रही हैं। अमेरिकी विशेषज्ञों से संपर्क किया गया है। काम युद्धस्तर पर चल रहा है। 42 मीटर का काम पूरा हो चुका है। हम जल्द ही मजदूरों को बाहर निकलने में कामयाब होंगे। गडकरी ने कहा कि अब तक काजू पिस्ता और मेवे ही भेजे जा रहे हैं। अब 6 इंच पाइप के माध्यम से रोटी सब्जी और अन्य खाद्य पदार्थ भी भेज सकते हैं।

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बता दें कि रविवार 12 नवंबर को सुबह चार बजे चारधाम परियोजना के तहत ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही एक निर्माणधीन टनल धंस गई थी, जिसके अंदर रह रहे 41 श्रमिक फंसे गए। शुरू में 40 श्रमिकों के ही अंदर फंसे होने की जानकारी थी। सातवें दिन 41वें मजदूर का पता चला। इसे सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग कंस्ट्रक्शन कंपनी की बड़ी लापरवाही मानी गई। सुरंग के बाहर मजदूरों परिजन परेशान हो रहे हैं, स्थिति तनावपूर्ण है।

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