Joshimath Sinking: जोशीमठ पर क्यों इसरो ने हटाई रिपोर्ट, आइए जाने इसकी वजह
Joshimath Sinking: इसरो ने उत्तराखंड राज्य सरकार की आपत्तियों के बाद भूमि धंसाव की उपग्रह फोटो और जोशीमठ के जलमग्न होने का दावा करने वाली रिपोर्ट को हटा दिया है।
Joshimath Sinking: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने उत्तराखंड राज्य सरकार की आपत्तियों के बाद भूमि धंसाव की उपग्रह फोटो और जोशीमठ के जलमग्न होने का दावा करने वाली रिपोर्ट को हटा दिया है। राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इसरो के अधिकारियों से संपर्क करने के बाद इसकी पुष्टि की है। दूसरी तरफ, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने वैज्ञानिकों, भूवैज्ञानिकों और अन्य संबंधित अधिकारियों को जोशीमठ भूमि डूब की किसी भी रिपोर्ट को मीडिया के साथ साझा करने से रोकने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी इसी तरह के निर्देश जारी किए हैं।
क्या है तर्क
एनडीएमए और उत्तराखंड सरकार ने तर्क दिया है कि ये निर्देश इसलिए आवश्यक थे क्योंकि विभिन्न संगठनों द्वारा जारी की गई जानकारी से भ्रम पैदा हो रहा है।
क्या कहा था इसरो ने
दरअसल, इसरो की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 दिसंबर 2022 से 8 जनवरी 2023 तक के 12 दिनों में जोशीमठ में 5.4 सेंटीमीटर का धंसाव हुआ है। इसरो ने यह भी कहा था कि पिछले सात महीनों में जोशीमठ में धंसाव 9 सेमी था।
उत्तराखंड के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि "इसरो द्वारा जोशीमठ के डूबने से संबंधित तस्वीरें वायरल होने और इससे संबंधित समाचार टीवी चैनलों पर प्रसारित होने के बाद जोशीमठ शहर के लोगों में दहशत का माहौल था, जब ऐसा हुआ तो उन्होंने इसरो निदेशक से इस बारे में बात की। मैंने उनसे अनुरोध किया कि या तो तस्वीरों के संबंध में एक आधिकारिक बयान जारी करें या अगर ऐसा कुछ नहीं है तो वेबसाइट से तस्वीरें हटा दें।
मुआवजा राशि
आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रति परिवार विस्थापन के लिए 187.50 लाख रुपये की राशि अग्रिम के रूप में वितरित की जा चुकी है।उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रभावित लोगों के लिए उनकी अन्य संरक्षित भूमि पर प्री-फैब झोपड़ियों का डिजाइन और निर्माण करेगी।आपदा प्रबंधन दल पुन: जोशीमठ का दौरा करेगा, इस दौरान अपर सचिव (आपदा), भूवैज्ञानिक एवं केन्द्रीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।