800 करोड़ की कोरोना वैक्सीन, 40 देशों के 400 वैज्ञानिक शोध में जुटे

डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि विश्व में लगभग 100 ऐसी संस्थाएं हैं जो वैक्सीन पर काम कर रही हैं। इनमे सात से आठ संस्थाएं काफी आगे है। बता दें कि वैक्सीन बनाने के लिए दुनिया के 40 देश शोध और इलाज की तकनीक तलाशने में जुटे हुए हैं।

Update: 2020-05-13 05:04 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को रोकने के लिए वैक्सीन की दुनिया को कितनी जरूरत हैं इसका पता सिर्फ इस बात से लगता है कि विश्व के 40 देशों से लगभग 400 वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। हालाँकि अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है, लेकिन कहा जा रहा है कि वैक्सीन को तैयार करने में 12 से 18 महीने तक का समय लग सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की ECOSOC संग कोरोना वैक्सीन पर चर्चा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रॉस एडहानोम घेबरेसस ने संयुक्त राष्ट्र इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल (ECOSOC) के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोरोना वैक्सीन पर चर्चा की।

दुनिया की करीब 100 संस्थाएं वैक्सीन पर कर रहीं काम

डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि विश्व में लगभग 100 ऐसी संस्थाएं हैं जो वैक्सीन पर काम कर रही हैं। इनमे सात से आठ संस्थाएं काफी आगे है। बता दें कि वैक्सीन बनाने के लिए दुनिया के 40 देश शोध और इलाज की तकनीक तलाशने में जुटे हुए हैं।

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40 देशों के लिए 800 करोड़ रुपये का पैकेज

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कोरोना को लेकर शोध, इलाज और जांच के लिए 40 देशों को संगठनों और बैंको ने करीब 800 करोड़ रुपये की मदद दी। जिससे वैक्सीन बनाने के काम में तेजी आई है। WHO इन शोधकर्ताओं के साथ काम कर रहा है और इनके रिसर्च पर निगरानी भी रख रहा है।

400 वैज्ञानिक तलाश रहे कोरोना के इलाज और जांच के तरीके

400 वैज्ञानिक जानवरों के मॉडल और क्लीनिकल ट्रायल में जुटे हुए हैं ताकि जल्द से जल्द इस महामारी के जांच और इलाज के नए तरीकों को खोजा जा सके।

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जीडीपी का दस फीसदी देश कर रहे स्वास्थ्य पर खर्च

बता दें कि इस संकट के समय दुनियाभर के देश हजारों करोड़ रुपये स्वास्थ्य पर खर्च कर रहे हैं। ये पैसा उनकी जीडीपी का दस फीसदी है। ऐसे में देश स्वास्थ्य सुविधाओं पर अधिक फोकस कर के बिमारियों को शुरूआती स्तर पर ही रोक सकेंगे और महामारी फैलने से रोकी जा सकेगी।

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