Taliban ka Kahar : तालिबानी सरकार की सच्चाई दुनिया के सामने, वीडियो में देखें महिलाओं और सच दिखा रहे पत्रकारों की हालत

Afghanistan Women Journalists : तालिबान के कहर से अब पत्रकार भी नहीं बच पा रहे हैं। तालिबान ने दो पत्रकारों की इस कदर हैवानियत वाली पिटाई की, कि देखते ही रूह कांप जाए।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-09-09 05:31 GMT

पत्रकारों पर तालिबान का कहर (फोटो- ट्विटर)

Taliban ka Kahar : अफगानिस्तान में तालिबानी शासन काबिज होने से सत्ता में आतंकियों का डेरा लग गया है। अभी कुछ दिन ही बीते हैं, कि तालिबान की सरकार की सच्चाई पूरी दुनिया के सामने आ गई है। काबुल समेत अफगानिस्तान के अन्य कई शहरों में तालिबान की सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन लगातार हो रहे हैं। महिलाएं अपनी आजादी के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। लेकिन ये तालिबान अपनी नापाकियत से बाज नहीं आ रहा है।

ऐसे में अब तालिबान में सच को सामने लेने वालों के साथ किस तरह का सुलूक किया जाता है इसका खुलासा हो गया है। अफगानिस्तान में तालिबानी शासन का सच दिखाना पत्रकारों के जी का जंजाल बन गया है। इस बात से भी कोई नागवारा नहीं है कि पाकिस्तान ने हर मोड़ पर तालिबान की मदद की है। लेकिन तालिबानी संगठन ये नहीं चाहता पत्रकार द्वारा पाकिस्तान का ये राज दिखाया जाए।

तालिबानी की असलीयत

यही वजह है कि तालिबान के कहर से अब पत्रकार भी नहीं बच पा रहे हैं। तालिबान ने दो पत्रकारों की इस कदर हैवानियत वाली पिटाई की, कि देखते ही रूह कांप जाए। इसकी एक तस्वीर भी सामने आई है। जिससे असलीयत अपने आप ही बयां हो रही है।

इस तस्वीर को द न्यूयॉर्क टाइम्स के रिपोर्टर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। जो साक्षात तालिबानी शासन के जुल्म की कहानी को हूबहू बयां कर रही है। इस पर उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कल काबुल में दो पत्रकारों को प्रताड़ित किया गया और बुरी तरह से पीटा गया है।

यही वजह है कि प्रदर्शन कर रही बेबाक महिलाओं, आम जनता और उन प्रदर्शनों का कवरेज कर रहे पत्रकारों को तालिबान के कहर से जूझना पड़ रहा है। अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने तालिबान सरकार में हिस्सेदारी की मांग की गई। लेकिन उसके बाद भी तालिबान सरकार में एक भी महिला को जगह नहीं दी गई है।

महिलाओं पर तालिबानी कहर (फोटो- ट्विटर)

वैसे महिलाओं (Taliban Ka Aurton Par Zulm) द्वारा किया गया ये प्रदर्शन काफी छोटा था, लेकिन इसने भी तालिबान की सत्ता को हिला कर रख दिया। जब तालिबान ने प्रदर्शन को रोकना चाहा तो तालिबान के लड़ाकों द्वारा महिलाओं को पीटा गया। प्रदर्शन का कवरेज कर रहे वहां मौजूद पत्रकारों को भी मारा गया।

प्रदर्शन की मंजूरी नहीं 

वहीं अब अफगानिस्तान में सरकार गठन के तुरंत बाद तालिबान ने ऐलान कर दिया है कि बिना सरकार के परमिशन के किसी तरह के प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दी जाएगी। प्रदर्शन पर सख्त पाबंदी लगा दी है।

तालिबान के अत्याचारों के कई वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहे हैं। जहां एक तरफ तालिबान के लड़ाकों द्वारा महिलाओं को पीटा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ तालिबान के लड़ाकों ने महिलाओं और पत्रकारों को डंडों और रायफल की बट से मारा है। 

जब से तालिबान ने शासन पर अपना कब्जा किया है तब से महिलाओं द्वारा  ये प्रदर्शन इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि तालिबान ने सत्ता में आने के बाद महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। जिससे अब महिलाओं खूद को एक जेल के अंदर बंद सा महसूस करती हैं।

महिलाओं को स्कूल-कॉलेज में लड़के-लड़कियों की एक साथ पढ़ाई नहीं हो रही है। वहीं अब महिलाओं के पहनावे को लेकर काफी रोक-टोक हो गई है। जो महिलाएं पहले नौकरी और अन्य काम करती थी, वो उसे भी नहीं कर सकती हैं।


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