वैक्सीन पर झटका! WHO ने दिया बड़ा निर्देश, अमेरिका-ब्रिटेन ने किया ये एलान

एक ओर रूस अक्टूबर से कोरोना वैक्सीन के उत्पादन का दावा कर रहा है तो वहीं अमेरिका को रूस के दावों और वैक्सीन पर विश्वास नहीं है।

Update:2020-08-07 09:53 IST
America and britain statement on russian covid 19 vaccine

नई दिल्लीः कोरोना संकट के बीच दुनिया के कई देश कोविड वैक्सीन का ट्रायल कर रहे हैं। ऐसे में रूस ने हाल ही एलान किया कि उन्होंने वैक्सीन बना ली है और जल्द ही बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन शुरू कर दिया जायेगा। हालाँकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO )रूस के दावे पर संदेह जता चुका है। वहीं अब अमेरिका और ब्रिटेन ने भी रूस के दावों पर सवाल खड़े कर दिए।

अमेरिका को रूस की वैक्सीन पर संदेह:

एक ओर रूस अक्टूबर से कोरोना वैक्सीन के उत्पादन का दावा कर रहा है तो वहीं अमेरिका को रूस के दावों और वैक्सीन पर विश्वास नहीं है।अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथोनी फाउची ने रूस और चीन की वैक्सीन पर शंका जाहिर करते हुए कहा, 'मुझे उम्मीद है कि दूसरों के लिए वैक्सीन का प्रबंध कराने से पहले चीन और रूस अपने वैक्सीन का सही तरीके से टेस्ट कर रहे होंगे।' उन्होंने साफ़ कहा कि किसी राजनीतिक दबाव में अमेरिका वैक्सीन बनाने में जल्दबाजी नहीं करेगा।

ब्रिटेन ने रूस की वैक्सीन इस्तेमाल करने से किया इनकार:

वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को रूस की वैक्सीन के इस्तेमाल से मना कर दिया है। बता दें कि ब्रिटेन पहले ही कई देशों की संभावित वैक्सीन की करोड़ों डोज अपने लिए सुरक्षित कर चुका है। इसमें भारत भी शामिल है। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में भी भारत के सातह मिल कर वैक्सीन पर शोध हो रहा है।

वैक्सीन पर रूस का दावा:

बता दें कि रूस ने दो महीने में कोरोना वायरस वैक्सीन के डोज दिए जाने दावा किया है। रूस कोरोना वायरस के खिलाफ एक बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम अक्टूबर से शुरू करने जा रहा है। ऐसे में इस महीने वैक्सीन को मंजूरी मिल जायेगी और अगले दो महीनों में वैक्सीन की खुराक दी जाने लगेगी।

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डॉक्टरों और शिक्षकों को दी जाएगी सबसे पहले वैक्सीन

इस बारे में रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखैल मुराश्को ने जानकारी देते हुए बताया कि वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तैयारी शुरू हो गयी है। देश के स्वास्थ्य अधिकारी इस कार्यक्रम के तहत अगले दो महीनों के बाद कोरोना की खुराक देना शुरू कर देंगे। बता दें कि सबसे पहले रूस के डॉक्टरों और शिक्षकों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी।

रूस की वैक्सीन पर संदेह क्यों:

कहा गया कि रूस ने वैक्सीन के पहले चरण के ह्यूमन ट्रायल को जुलाई के दूसरे हफ्ते में किया और दूसरे चरण का ट्रायल 13 जुलाई को किया गया लेकिन ट्रायल कब पूरा हुआ, इसकी घोषणा नहीं की गयी।

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आमतौर पर, किसी भी वैक्सीन के हर चरण को पूरा होने में कई महीने लगते हैं। हालाँकि मौजूदा हालत को देखते हुए वैक्सीन की जल्द से जल्द जरूरत को महसूस किया जा सकता है लेकिन रूस में दूसरे चरण का ट्रायल कब खत्म कर तीसरे चरण का ट्रायल शुरू किया और फिर इसके उत्पादन का एलान कर दिया, ये सभी के लिए हैरानी की बात है। संदेह जताया जा रहा है कि रूस ने तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल के बिना ही इस वैक्सीन को मंजूरी दे दी। वहीं चीन की वैक्सीन को भी बिना किसी तीसरे ट्रायल के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।

रूस की वैक्सीन पर WHO का सवाल:

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी रूस को वैक्सीन उत्पादन को लेकर गाइडलाइन का पालन करने को कहा था। अमेरिका और ब्रिटेन से पहले WHO के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर ने अपने एक बयान में कहा, 'किसी भी वैक्सीन या दवा के लिए कुछ नियम और गाइडलाइन्स बनाई गई हैं। लाइसेंस लेने से पहले हर वैक्सीन को सभी ट्रायल और टेस्ट से गुजरना होगा।'

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