सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को रोकने के लिए मदद करेगा अमेरिका
फेसबुक के प्रवक्ता एडम स्टोन ने सेंसस ब्यूरो के साथ बैठक की पुष्टि की लेकिन इससे संबंधित कोई जानकारी साझा नहीं की। वहीं ट्विटर और गूगल ने इसपर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
नई दिल्ली: फर्जी खबरें सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलती हैं। चुनाव के दौरान इसका गलत तरीके से इस्तेमाल देखा जाता है। 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में फर्जी खबरें फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल हुआ अमेरिका उसे 2020 में दोहराना नहीं चाहता। अमेरिका के सेंसस ब्यूरो ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर से कहा है कि वह फर्जी खबरों को रोकने के अभियान में उसकी मदद को तैयार है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव सोशल मीडिया पर उपजी फर्जी खबरों से प्रभावित नहीं हो इसलिए दिग्गज टेक कंपनियों को मदद का प्रस्ताव दिया गया है।
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दरअसल, डाटा और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है कि दक्षिणपंथी समूह और अमेरिका के दुश्मन देश फर्जी खबरों का दौर 2020 में भी शुरू कर सकते हैं, जो 2016 के मुकाबले बड़े स्तर का हो सकता है। सेंसस ब्यूरो के उप निदेशक रॉन जार्मिन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हमें ऐसे अभियानों की आशंका है और इस खतरे को दूर करने के लिए हम बड़ी तकनीकी कंपनियों की मदद के लिए सूची तैयार कर रहे हैं।
2017 से अब तक हुई कई बैठकें
जार्मिन ने बताया कि सेंसस ब्यूरो के अधिकारियों ने इस मामले में 2017 से लेकर अब तक टेक कंपनियों के साथ कई बैठकें की हैं। हालांकि जार्मिन ने यह नहीं बताया कि किन कंपनियों के साथ बैठकें की गई हैं। जबकि सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों में गूगल, फेसबुक और ट्विटर शामिल है। वहीं फेसबुक के प्रवक्ता एडम स्टोन ने सेंसस ब्यूरो के साथ बैठक की पुष्टि की लेकिन इससे संबंधित कोई जानकारी साझा नहीं की। वहीं ट्विटर और गूगल ने इसपर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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