डरे सभी अमेरिकी: क्या है कू क्लाक्स क्लान, जीकसा ट्रंप कर सकते हैं इस्तेमाल
क्या होगा अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में हार की दशा में नतीजों को स्वीकार करने से मना कर देते हैं? भारत के संदर्भ में आपको ये बात अजीब लग सकती है कि एक राष्ट्राध्यक्ष चुनाव के परिणाम को मानने से इनकार कर दे, लेकिन अमेरिका में ऐसा संभव है।
नई दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव ख़त्म हो चुके हैं। अब नतीजों का इंतज़ार है। चुनाव परिणाम को लेकर अटकलें और उसपर होने वाली गर्मागर्म बहस जारी है। हर किसी की नज़र इस बात पर टिकीं हैं कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। अमेरिका के लोगों को नतीजों की भविष्यवाणी जानने में बेहद रूचि होती है और इसीलिए कई तरीकों से नतीजों की भविष्यवाणी की जाती है।
क्या होगा अगर डोनाल्ड ट्रंप हार जाएं तो
क्या होगा अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में हार की दशा में नतीजों को स्वीकार करने से ही इनकार कर देते हैं? भारत के संदर्भ में आपको ये बात अजीब लग सकती है कि एक राष्ट्राध्यक्ष चुनाव के परिणाम को मानने से इनकार कर दे, लेकिन अमेरिका में ऐसा संभव है। ट्रंप पहले ही डाक वाले वोटों पर शक जता चुके हैं और कह चुके हैं कि जरूरी नहीं कि हार की स्थिति में वो नतीजा स्वीकार कर ही लें। अगर चुनाव नतीजों को लेकर ट्रंप अड़ते हैं तो इसका फैसला अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में होगा।
क्या सेना उनके आदेश को मानेगी?
सवाल ये है कि एक सत्तासीन राष्ट्रपति के पास ऐसी स्थिति में क्या क्या विकल्प होंगे? बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2021 तक अमेरिका के सैन्य बलों के सुप्रीम कमांडर है। सवाल है कि क्या हार की स्थिति में वे सेना बुला सकते हैं? क्या सेना उनके आदेश को मानेगी?
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यहां हम कुछ काल्पनिक स्थिति पर विचार कर सकते हैं
यहां हम कुछ काल्पनिक स्थिति पर विचार कर सकते हैं? अगर ट्रंप ये कहते हुए चुनाव नतीजों को मानने से इनकार कर दें कि इसमें धांधली हुई है। ऐसी स्थिति में अमेरिका में हिंसा भड़क सकती है। बता दें कि अमेरिका में हाल-फिलहाल में बड़े पैमाने पर बंदूकों की बिक्री हुई है। ट्रंप Proud Boys और The Oath Keepers नाम के संगठनों से सड़क पर उतरने की अपील करते हुए ये वादा कर सकते हैं कि जल्द ही एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव आयोजित किया जाएगा।
ट्रंप के समर्थक और विरोधी आमने-सामने आ सकते हैं
बता दें कि अमेरिकी संविधान के दूसरे संशोधन के मुताबिक ऐसे सशस्त्र संगठनों को सुरक्षा प्राप्त है। इस संशोधन को 1789 में पास किया गया था और 1791 में अनुमोदित किया गया था। एक और स्थिति ये है कि ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीत जाएं, लेकिन ये जीत संदेह के घेरे में हो। ऐसी स्थिति में ट्रंप के विरोध में संगठन हथियारों के साथ सड़क पर उतर सकते हैं, इसके जवाब में ट्रंप के समर्थक भी सड़क पर उतरेंगे और भारी हिंसा हो सकती है।
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आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं ट्रंप
दोनों ही स्थिति में ट्रंप अमेरिका में आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। अमेरिकी संविधान पर नजर रखने वाली संस्थाओं के मुताबिक संविधान आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति को अलग से कोई विशेष अधिकार नहीं देता है।
लेकिन ट्रंप अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का हवाला देते हुए सेना को बुला सकते हैं, और Haebus corpus (अवैध गिरफ्तारियों को चुनौती देने का अधिकार) को निरस्त कर सकते हैं।
गृह युद्ध के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के पास असाधारण शक्तियां थीं
बता दें कि Haebus corpus (अवैध गिरफ्तारियों को चुनौती देने का अधिकार) को निरस्त करने के लिए अमेरिकी संसद से अनुमोदन की आवश्यकता होती है, लेकिन 1861 में गृह युद्ध के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने असाधारण शक्तियां हासिल कर ली थी, इसके लिए उन्होंने कांग्रेस की अनुमति भी नहीं ली थी, और एकतरफा फैसला लिया था।
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लिंकन के फैसले को गलत करार दिया
तब लिंकन ने कहा था कि विद्रोह को कुचलने के लिए ये जरूरी है। बाद में एक संघीय अदालत ने लिंकन के फैसले को गलत करार दिया था, लेकिन उन्होंने इस फैसले को नकार दिया। एक आकलन है कि अगर इस बार अमेरिका अनिश्चितता के भंवर में फंसता है तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से अमेरिकी इतिहास का ये वाकया दोहरा सकते हैं।
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