युद्ध में भारी तबाही: हजारों सैनिकों की गई जान, ये जंग विनाश की ओर बढ़ रही
नई दिल्ली: अजरबैजान और आर्मीनिया (Armenia-Azerbaijan War) के बीच हो रहे युद्ध ने बुधवार को और भयानक रूप ले लिया है। सीजफायर समझौते के बाद भी दोनों देशों के बीच युद्ध और बढ़ता ही जा रहा है। दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे पर नागोर्नो-काराबाख (Nagorno Karabakh) इलाके के अलगाववादी क्षेत्र पर नए हमलों के आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते से ही युद्ध जारी है।
तेल और गैस पाइप लाइन को निशाना बनाने के आसार
इस बीच तेल और गैस पाइप लाइन को निशाना बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो भयंकर तबाही मच सकती है। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान (Recep Tayyip Erdoğan) से फोन पर बातचीत की। इस दौरान पुतिन ने युद्ध विराम संधि का पालन कराने के लिए कोशिश करने की अपील की। साथ ही उन्होंने जंग में मध्य पूर्व के आतंकवादियों के शामिल होने पर भी चिंता व्यक्त की है।
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नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में लड़ाकों की तैनाती
वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान (Recep Tayyip Erdoğan) ने नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में लड़ाकों की तैनाती से इनकार कर दिया है। हालांकि सीरिया स्थित विपक्षी कार्यकर्ताओं द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है कि तुर्की ने इन क्षेत्र में सैकड़ों लड़ाकों को भेजा गया है। नागोर्नो-काराबाख इलाके को लेकर अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच हो रही युद्ध के खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच कहा जा रहा है कि हालात ऐसे बनते दिखाई दे रहे हैं कि दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी और खतरनाक रूप ले सकती है।
अलगाववादी क्षेत्र पर नए हमलों के आरोप
बता दें कि दोनों देश एक दूसरे पर नागोर्नो-काराबाख इलाके के अलगाववादी क्षेत्र पर नए हमलों के आरोप लगाए गए हैं। अजरबैजान का दावा है कि उसके द्वारा आर्मेनिया के क्षेत्र में एक अर्मेनियाई मिसाइल प्रणाली को नष्ट कर दिया गया है। दूसरी ओर आर्मेनिया का कहना है कि यह अजरबैजानी सैन्य टुकड़ियों को निशाना बनाने के लिए थी। आर्मेनिया ने अजरबैजान पर आरोप लगाया है कि वह उनके क्षेत्र में सैन्य आक्रमण कर रहा है। दोनों देशों द्वारा एक दूसरे पर लगाए जा रहे आरोप और धमकियों ने सामरिक सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
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अजरबैजान ने अर्मेनिया को दी ये धमकी
इस बीच अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने आर्मोनिया को धमकी दी है कि अगर उसकी गैस और तेल पाइप लाइन को क्षति पहुंचाया जाता है तो ऐसी स्थिति में उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। वहीं दूसरी ओर नागोर्नो-काराबाख के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि अजरबैजान ने इस क्षेत्र के एक हॉस्पिटल पर गोलीबारी की है। अधिकारियों ने इसे एक युद्ध अपराध करार दिया है। हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है। वहीं अजरबैजान की सेना ने अर्मेनियाई दावे को खारिज कर दिया है।
27 सितंबर से जारी है युद्ध
बता दें कि दोनों ही देश मॉस्को में रूस की मध्यस्थता से चली दस घंटे की वार्ता के बाद युद्धविराम के लिए सहमत हुए। लेकिन अभी भी दोनों पक्षों में ये युद्ध खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। बताते चलें कि अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोरनो-काराबाख इलाके को लेकर युद्ध (Armenia-Azerbaijan War) हो रहा है। दोनों ही देश 4400 वर्ग किमी में फैले नागोर्नो-काराबाख नाम के हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं।
नागोर्नो-काराबाख इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का ही हिस्सा है, लेकिन यहां पर आर्मीनियाई लोग रहते हैं। आर्मेनिया के जातीय गुटों ने यहां पर कब्जा कर रखा है।
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