अरविंद कृष्णा IBM के नए CEO,आनंद बोले- मीटिंग में बर्गर की जगह होगा अब समोसा
अमेरिकी आईटी कंपनी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (आईबीएमIBM) ने अरविंद कृष्णा (57) को नया सीईओ बनाने की घोषणा की है। वे 6 अप्रैल को गिनी रोमेटी (62) की जगह लेंगे। भारतीय मूल के अरविंद कृष्णा को इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (आईबीएम) का नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है।
अमेरिकी आईटी कंपनी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (आईबीएमIBM) ने अरविंद कृष्णा (57) को नया सीईओ बनाने की घोषणा की है। वे 6 अप्रैल को गिनी रोमेटी (62) की जगह लेंगे। भारतीय मूल के अरविंद कृष्णा को इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (आईबीएम) का नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है। कृष्णा लंबे समय तक सीईओ रही वर्जिनिया रोमेट्टी की जगह लेंगे। हैं। आईबीएम का मार्केट कैप 12,588 करोड़ डॉलर है।
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अरविंद कृष्णा के आईबीएम के सीईओ बनने पर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने रोचक अंदाज में ट्वीट कर कहा- ‘व्हाइट हाउस द्वारा आयोजित टेक इंडस्ट्री के अगले कॉन्क्लेव में स्नैक्स में हैमबर्गर की बजाय समोसा पेश किया जाएगा।
भारतीय मूल के मैनेजरों की प्रबंधकीय क्षमता आश्चर्यचकित करने वाली है।’ गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब और मास्टरकार्ड जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के सीईओ भी भारतीय मूल के हैं। हैदराबाद में जन्मे अरविंद अब तक आईबीएम में ही क्लाउड एंड कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर में वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रहे थे। वे 1990 में आईबीएम से जुड़े थे।
बता दें कि आईबीएम के अलावा सुंदर पिचाई गूगल और उसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ हैं। इसके अलावा भारतीय मूल के सत्या नजेला माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं। वहीं शांतनू नारायण एडोबी के, अजयपाल सिंह बंगा मास्टरकार्ड के, राजीव सूरी नोकिया के और वसंत नरसिम्हन नोवार्तिस के सीईओ हैं।
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आईआईटी कानपुर से ग्रेजुएशन करने के बाद अरविंद यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनायस से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की थी। अरविंद ने कहा, ‘आईबीएम के अगले सीईओ चुने जाने से रोमांचित हैं।
वहीं अरविंद की नियुक्ति को लेकर रोमेटी ने कहा- ‘आईबीएम में अगले दौर के लिए अरविंद बेहतर सीईओ साबित होंगे। उन्हें तकनीक की अच्छी समझ है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड, क्वांटम कम्प्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसी हमारी अहम तकनीकों को विकसित किया है। सॉफ्टवेयर कंपनी रेड हैट के अधिग्रहण में कृष्णा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यहां तक कि इस पूरे प्रोजेक्ट का उन्हें ही शिल्पकार माना जाता रहा है।