बच्ची पैदा हुई तो उम्र थी 27 साल,डॉक्टरों ने चिकित्सा के क्षेत्र में बनाया नया रिकॉर्ड
टीना के पति सिस्टिक फायब्रोसिस के मरीज हैं। यह बीमारी बच्चा पैदा करने में बाधा डालती है। टीना के पेरेंट्स ने एक लोकल न्यूज स्टेशन में नेशनल एंब्रायो डोनेशन सेंटर नाम के संस्था के बारे में पढ़ा था जो भ्रूण गोद लेने में मदद करता था।
टेनेसी: अमेरिका के टेनेसी स्टेट में एक ऐसा वाकया सामने आया है। जिसने दुनिया भर के लोगों को साइंस की तरक्की के बारें में सोचने पर मजबूर कर दिया है।
साइंस कितना ज्यादा तरक्की कर चुका है इस बात को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है। जिस किसी को भी पूरी बात मालूम पड़ रही है वो एक पल के लिए हैरान हो जा रहा है।
दरअसल अमेरिका में एक बच्ची जब पैदा हुई तो तकनीकी तौर पर वो 27 साल की थी और वो अपनी मां से सिर्फ डेढ़ साल छोटी थी।
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अक्टूबर 2020 में हुआ इस बच्ची का जन्म
मॉली का भ्रूण अक्टूबर 1992 में फ्रीज किया गया था और फरवरी 2020 में गिब्सन परिवार ने इस भ्रूण का ट्रांसप्लांट टीना गिब्सन नाम की महिला में कराया था जिसके बाद इस साल अक्टूबर में मॉली का जन्म हुआ।
यूनिवर्सिटी ऑफ प्रेस्टन मेडिकल लाइब्रेरी के रिसर्चर्स के मुताबिक, ये अपने आप में एक नये तरह का रिकॉर्ड है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीना गिब्सन का जन्म साल 1991 में हुआ था और उनकी और बेंजामिन की शादी को 10 साल हो चुके हैं।
टीना के पति सिस्टिक फायब्रोसिस के मरीज हैं। यह बीमारी बच्चा पैदा करने में बाधा डालती है। साल 2017 में टीना के पेरेंट्स ने एक लोकल न्यूज स्टेशन में नेशनल एंब्रायो डोनेशन सेंटर नाम के संस्था के बारे में पढ़ा था जो महिलाओं को भ्रूण गोद लेने में मदद करता था।
पहले तो टीना ने इस आइडिए पर खास विचार नहीं किया लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने पति के साथ इस संस्था में जाने का निर्णय लिया।
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टीना ने अपनी पहली बेटी के भ्रूण को गोद लिया था
टीना पेशे से एक टीचर हैं और वर्ष 2017 में उन्होंने अपनी पहली बेटी के भ्रूण को गोद लिया और नवंबर 2017 में वो पैदा हुई जिसका नाम एम्मा रखा गया। एम्मा का भ्रूण पिछले 24 सालों से फ्रीज कर रखा गया था।
लेकिन वर्ष 2020 में मॉली ने एम्मा के इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया क्योंकि उनका भ्रूण पिछले 27 सालों से फ्रीज कर रखा हुआ था।
अगर हम एनईडीसी के आंकड़ों पर गौर करें तो देखेंगे कि, सिर्फ अमेरिका में ही इस वक्त 10 लाख से अधिक भ्रूण फ्रीज कर रखे हुए हैं।
इस संस्था में आईवीएफ ट्रीटमेंट कराने वाले लोग अपने भ्रूण डोनेट कर सकते हैं और फिर उन्हें लंबे समय तक फ्रीज रखा जाता है। इसके बाद जो कपल बांझपन से ग्रस्त होते हैं वे इन्हें गोद ले सकते हैं। टीना और बेंजामिन के दोनों बच्चे इसी प्रक्रिया से पैदा हुए हैं।
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