Bangladesh Durga Puja Attack: बांग्लादेश में पूरी प्लानिंग से किए गए मंदिरों पर हमले, पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल, नहीं सुनी लोगों की गुहार
Bangladesh Durga Puja Attack: बांग्लादेश देश से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि गुरुवार को बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और दुर्गापूजा पंडालों पर किए गए हमलों को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया।
Bangladesh Durga Puja Attack: बांग्लादेश में गुरुवार को हिंदू मंदिरों और दुर्गापूजा पंडालों (Bangladesh Durga Puja Pandal) पर किए गए हमलों को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) भले ही इस मामले में सख्त रवैया अपनाने की बात कह रही हों । मगर सच्चाई यह है कि अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों की ओर से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद पुलिस समय से मौके पर नहीं पहुंची। कट्टरपंथियों की भीड़ चार घंटे तक उपद्रव करती रही। चंडमोनी काली मंदिर के पास ही पुलिस कैंप होने के बावजूद हिंदुओं को पुलिस से कोई मदद नहीं मिली। उपद्रवी तत्व मनमानी करते रहे।
प्रत्यक्षदर्शी लोगों का कहना है कि हमले की घटनाएं अचानक नहीं हुई थीं बल्कि हमलावरों ने पूरी तैयारी के साथ इसे अंजाम दिया । जिनमें चार लोगों की मौत हो गई। हमलावरों ने चार घंटे के भीतर तीन बार हमला किया । मंदिरों में जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस के लचर रवैए के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर किए करने की बात कही है। ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी स्थानीय अधिकारियों से संपर्क साधा है और इस तरह के हमले रोकने का अनुरोध किया है।
चार घंटे के दौरान कई बार हमले
बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 100 किलोमीटर दूर कमिला शहर में चंडमोनी काली मंदिर (Chandmoni Kali mandir) कट्टरपंथियों के गुस्से का सबसे ज्यादा शिकार बना। बांग्लादेश की न्यूज़ वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक हमलावरों ने मंदिर परिसर को कई बार निशाना बनाया। इस दौरान लोग लगातार पुलिस से मदद की गुहार लगाते रहे । मगर पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इलाके के दो और मंदिरों से जुड़े लोगों ने पुलिस पर समय से मदद न करने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि हमला शुरू होते ही पुलिस को जानकारी दे दी गई थी । मगर पुलिस मूकदर्शक बनी रही और उपद्रवी तत्व मनमानी करने में जुटे रहे।
हिंदू समुदाय के नेता गोविंद चंद्र प्रामाणिक का कहना है कि इलाके के सभी मंदिरों से जानकारी जुटाई गई है। सभी मंदिरों से जुड़े लोगों ने पुलिस पर मदद न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस से समय से मौके पर पहुंच गई होती तो हालात इतना ना बिगड़ पाए होते।
पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान
चंडमोनी मंदिर से जुड़े श्रद्धालुओं का भी कहना है कि हमलावरों ने 4 घंटे तक आतंक मचाया और हिंदू श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की। हमलावरों का रवैया इतना उग्र था कि वे चंडमोनी काली मंदिर के ऊपर चढ़ गए। उन्होंने मंदिर के एक हिस्से में आग लगाने की भी कोशिश की। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज के वायरल होने के बाद इस हमले को अंजाम दिया गया। इन वीडियोज में मंदिर में कुरान का अपमान होने का दावा किया गया था। इन फर्जी वीडियोज के जरिए कट्टरपंथी तत्वों को उकसाया गया, जिसके बाद मंदिरों पर हमले शुरू हो गए।
कट्टरपंथियों ने विशेष रूप से चंडमोनी काली मंदिर को निशाना बनाया । क्योंकि इसे हिंदुओं की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है। यह मंदिर करीब एक सदी पुराना है । इलाके में रहने वाले हिंदुओं की इस मंदिर में गहरी आस्था है। वे नियमित रूप से यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं। पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि इस मंदिर से आधा किलोमीटर दूर ही चौकबाजार पुलिस कैंप है। फिर भी हिंदू समुदाय के लोगों को हमलावरों के खिलाफ पुलिस की कोई मदद नहीं मिली।
तीसरे हमले में तोड़ डाला गेट
कट्टरपंथियों ने मंदिरों को निशाना बनाने के साथ ही दुर्गा पूजा पंडालों में भी तोड़फोड़ की। दुर्गापूजा के लिए लाई गई प्रतिमाओं को भी निशाना बनाया। रक्षकाली मंदिर समिति के जनरल सेक्रेटरी हरधन चक्रवर्ती ने हमले का जो ब्योरा दिया है, वह सचमुच चौंकाने वाला है। उन्होंने बताया कि हमले की शुरुआत सुबह 11 बजे हुई। लेकिन पहले हमले में कट्टरपंथियों को कामयाबी नहीं मिल सकी। डेढ़ घंटे बाद दोपहर करीब 12:30 बजे हमलावर फिर आए। उन्होंने मंदिर पर पथराव किया।
चक्रवर्ती ने बताया कि इन दोनों हमलों के दौरान कट्टरपंथी मंदिर परिसर में नहीं घुस सके । क्योंकि मंदिर के बाहर 10 फुट ऊंचा स्टील का मजबूत गेट लगा हुआ था। लेकिन बाद में हमलावर बड़ी भीड़ के साथ हथियारों से लैस होकर मंदिर पर हमला करने के लिए पहुंचे। तीसरे हमले के दौरान उन्होंने मंदिर परिसर का मजबूत गेट तोड़ डाला। मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की।
भारत ने जताई हमलों पर चिंता
मंदिरों पर हमले के दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अर्धसैनिक बलों की तैनाती की बात कही है। उन्होंने कहा कि कमिला शहर में हिंदुओं पर हमले करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमलावरों की तलाश की जाएगी। सरकार का पूरा प्रयास होगा कि उन्हें कड़ी सजा मिले।
दूसरी ओर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर किए गए हमलों पर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग से इस बाबत और जानकारियां इकट्ठी की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चायोग बांग्लादेश के स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है।