Brexit: ब्रिटेन का टूटा 28 देशों से रिश्ता, भारत पर पड़ेगा बड़ा असर

Update: 2020-01-31 05:12 GMT

दिल्ली: ब्रिटेन शुक्रवार को यूरोपीय संघ से बाहर से होने वाला दुनिया का पहला देश बन गया जाएगा। यूरोपीय यूनियन (EU) की संसद की ओर से ब्रेक्जिट समझौते (Brexit) को मंजूरी मिल गयी है। इसको लेकर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की ईयू के 27 अन्य नेताओं के साथ लंबी बातचीत हुई है। बता दें कि यूरोपीय संसद में ब्रेक्ज़िट समझौता के पक्ष में 621 मत पड़े थे जबकि खिलाफ में 49 वोट पड़े थे। इसी के साथ ईयू से ब्रिटेन की विदाई को मंज़ूरी दे दी गई थी।

यूरोपियन यूनियन से बाहर निकलना चाहता है ब्रिटेन:

दरअसल, यूरोपीय यूनियन 28 देशों का संगठन है। इन 28 देशों के लोग आपस में किसी भी मुल्क में आ-जा सकते हैं और काम कर सकते हैं। इस वजह से ये देश आपस में मुक्त व्यापार कर सकते हैं। 1973 में ब्रिटेन ईयू में शामिल हुआ था और यदि वह बाहर होता है तो यह ऐसा करने वाला पहला देश होगा।

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क्या है ब्रेक्जिट (Brexit) :

ब्रेक्जिट का मतलब है यूरोपीय संघ से बाहर निकलना। सेमी ब्रेक्जिट का मतलब है कि ईयू से अलग होने के बाद ब्रिटेन ईयू की शर्तें मानता रहेगा। बाहर रहकर उसके साथ बना रहेगा, जिससे आर्थिक हितों, रोजगार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को ब्रिटेन से बाहर जाने से बचाया जा सकेगा।

 

क्यों EU से अलग होना चाहता था ब्रिटेन:

दरअसल, इसके तहत ब्रिटेन रोजगार, आर्थिक हितों को देश से बाहर जाने से रोक सकेगा। गौरतलब है कि ब्रिटेन की यूरोपियन यूनियन में कभी चली ही नहीं। उल्टा ब्रिटेन के लोगों की जिंदगियों पर ईयू का नियंत्रण ज्यादा है। वह व्यापार के लिए ब्रिटेन पर कई शर्तें लगाता है। ब्रिटेन के राजनीतिक दलों को लगता है कि अरबों पाउंड सालाना सदस्यता फीस देने के बाद भी ब्रिटेन को इससे बहुत फायदा नहीं होता। इसलिए ब्रेग्जिट की मांग उठी थी।

ब्रिटेन को हर साल होगा 53 हजार करोड़ रु का नुकसान

ब्रेग्जिट से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को हर साल 53 हजार करोड़ रु. का नुकसान होगा। थिंक टैंक रैंड यूरोप और जर्मनी के बैर्टेल्समन फाउंडेशन के ताजा शोध में बताया गया है कि ईयू से बाहर होने पर ब्रिटेन में वस्तु और सेवाओं पर टैक्स लगेगा। इससे ये महंगी होंगी। लोगों के खर्च बढ़ेंगे। उनकी आय में कमी होगी। इससे लोगों को 45 हजार करोड़ का नुकसान होगा। ब्रिटेन में इसका प्रति व्यक्ति बोझ 68 हजार रु. आएगा। कुछ दिन पहले ही ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट में 2016 से 2020 तक 18.9 लाख करोड़ के नुकसान का अनुमान जताया है। फिलहाल यह 12 लाख करोड़ रु. तक पहुंचा है।

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ब्रिटेन के ईयू से अलग होने पर भारत पर पड़ेगा ये असर:

यूरोपियन यूनियन से अलग होने के बाद ब्रिटेन भारत को भी प्रभावित करेगा। दरअसल, ब्रिटेन में 800 से ज्यादा भारतीय कंपनियां हैं, जो 1,10,000 लोगों को रोजगार देती हैं। इनमें से आधे से अधिक लोग केवल टाटा समूह की ही पांच कंपनियों में काम करते हैं। माना जा रहा है कि ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन की करेंसी पाउंड में गिरावट की आशंका है। ऐसे में जो भारतीय कंपनियों का ब्रिटेन से अपने कारोबार कर रही हैं, उनके मुनाफे पर इसका असर होगा।

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