पाक की नापाक हरकत, गैर मुस्लिमों के खिलाफ उठाया ये बड़ा कदम
भारत में पिछले दिनों संसद ने नागरिकता संशोधन कानून पर मुहर लगाई गई थी। इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले ऐसे गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है जो शोषण का शिकार हैं।
इस्लामाबाद: एक ओर भारत में नागरिकता संशोधन कानून पर बवाल मचा हुआ है तो दूसरी ओर पाकिस्तान का एक और नापाक चेहरा उजागर हुआ है। पाकिस्तान में एक ऐसा कदम और उठाया गया है जिससे साफ होता है कि वहां गैर मुस्लिमों को किस तरह प्रताड़ित और परेशान किया जाता है।
गैर-मुस्लिम वकील नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
पाकिस्तान भले ही अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर इस बात से इनकार करता रहे कि उसके यहां गैर मुस्लिमों का शोषण होता मगर यह सच्चाई है। हाल में पाकिस्तान में उठाए गए एक और कदम से इस बात की पुष्टि होती है।
दरअसल पाकिस्तान के मुल्तान बार एसोसिएशन ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया है जिस पर सभी को हैरानी हो रही है। इस प्रस्ताव में अहमदिया समेत सभी गैर-मुस्लिम वकीलों को बार काउंसिल के चुनाव में भाग लेने पर रोक लगाने का प्रावधान है।
यह प्रस्ताव जिला बार एसोसिएशन ऑफ मुल्तान के वकीलों ने पेश किया है। इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि बार चुनाव लडऩे वाले वकीलों को इस्लाम में अपनी आस्था साबित करने के लिए एक हलफनामा पेश करना होगा। पाकिस्तान के इस कदम से साफ हो गया है कि वहां गैर मुस्लिमों के साथ कैसा बर्ताव किया जा रहा है।
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भारत के बयान पर लगी मुहर
भारत में पिछले दिनों संसद ने नागरिकता संशोधन कानून पर मुहर लगाई गई थी। इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले ऐसे गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है जो शोषण का शिकार हैं।
पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के इस कदम की तीखी आलोचना की थी। भारत में भी इस कानून को लेकर भले ही हो-हल्ला मचा हुआ हो मगर पाकिस्तान के इस कदम से साफ हो गया है कि भारत की आशंकाएं निराधार नहीं है। यह वास्तविकता है कि पाकिस्तान में गैर मुस्लिम शोषणा का शिकार हैं।
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पाक के लोग भी कर रहे आलोचना
मजे की बात तो यह है कि पड़ोसी देश के इस कदम की आलोचना करने वाले पाकिस्तानी लोगों की संख्या भी कम नहीं है। पाकिस्तान के लोग भी बार एसोसिएशन के इस कदम को भेदभाव वाला बता रहे हैं।
पाक के लोग भी मुल्तान बार एसोसिएशन की इस मानसिकता के खिलाफ सोशल मीडिया पर खूब लिख रहे हैं। एक पाकिस्तानी यूजर शोएब इकबाल ने ट्विटर पर लिखा कि यह बेहद शर्मनाक कदम है।
मुल्तान बार एसोसिएशन ने अहमदिया और गैर-मुस्लिम वकीलों को संघों या बार काउंसिल के चुनाव में भाग लेने से रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है।
यह काफी शर्मनाक है। एक अन्य यूजर मुकेश मेघवार ने लिखा कि अल्पसंख्यक वकीलों पर प्रतिबंध सरीखा है यह प्रस्ताव। वे मुल्तान में बार काउंसिल का चुनाव नहीं लड़ सकते। पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट कहां है? पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ वाकई बड़ा भेदभाव है।
अल्पसंख्यकों के साथ होता है भेदभाव
अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की निंदा की जाती रही है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आए दिन ऐसी खबरें छपती रही हैं कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ कितना भेदभाव किया जा रहा है। अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के तौर पर उनके साथ हिंसा करना, सामूहिक हत्या, अपहरण और दुष्कर्म जैसे घटनाएं पाकिस्तान में आम तौर पर घटती रहती हैं।
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