एक बार फिर दोस्त चीन ने दिया पाकिस्तान का साथ, इस बड़े संकट से बचाया
चीन एक बार फिर पाकिस्तान की ढाल बन कर सामने आया है। चीन ने पाकिस्तान को एफएटीएफ की सूची में ब्लैकलिस्ट होने से बचा लिया। देते रहेंगे पाकिस्तान को सहायता
चीन एक बार फिर पाकिस्तान की ढाल बन कर सामने आया है। चीन ने पाकिस्तान को एफएटीएफ की सूची में ब्लैकलिस्ट होने से बचा लिया। चीन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया कि पाकिस्तान सरकार ने आतंकवादी संगठनों को पहुंचाई जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाने में भारी प्रयास किए हैं, जिसे पेरिस में हुए बैठक में FATF के अधिकांश सदस्यों द्वारा मान्यता दी गई है। चीन और अन्य देश इस क्षेत्र में पाकिस्तान को सहायता देना जारी रखेंगे।'
भारत की कोशिशों पर भारी चीन
एक बार फिर चीन ने आपनी ताकत का प्रयोग करके पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होने से बचा लिया। भारत की तमाम कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान ने खुद को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ब्लैकलिस्ट सूची में जाने से बचा लिया है। चीन की कृपा के चलते पाकिस्तान खुद को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बनाए रखने में सफल रहा है। सूत्रों की माने तो एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में बरकरार रखने का फैसला किया है। हालांकि पाकिस्तान को आतंक के वित्त पोषण पर एफएटीएफ से कड़ी चेतावनी मिली है और इस पर पूरी तरह से रोक लगाने को कहा गया है। पाकिस्तान को जून तक का वक्त दिया गया है।
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इससे पहले भी कई मौंकों पर दिया पाक का साथ
चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से किया गए ट्वीट में इस बात की पुष्टि की, कि उसने FATF की बैठक में पाकिस्तान की मदद की है। चीन ने ट्वीट कर कहा 'पाकिस्तान की सरकार ने आतंकवादी संगठनों को पहुंचाई जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाने में काफी प्रयास किए हैं, जिसे पेरिस में हुई बैठक में FATF के अधिकांश सदस्यों द्वारा मान्यता दी गई है। चीन और अन्य देश इस क्षेत्र में पाकिस्तान को सहायता देना जारी रखेंगे।'
चीन इससे पहले भी कई मौकों पर पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया है। संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को आतंकी घोषित कराने के लिए भारत कई बार कोशिशें कर चुका है, लेकिन चीन इसमें भी पाकिस्तान का साथ देता रहा है।
अक्टूबर से ‘ग्रे’ लिस्ट में है पाकिस्तान
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जैसा कि ग्यात है कि एफएटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों को पहुंचाई जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान को ‘ग्रे’ सूची में रखने का अक्टूबर में फैसला किया था। अब अगर अप्रैल तक पाकिस्तान को इसी सूची से नहीं निकाला जाता तो वह ईरान जैसी काली सूची वाले देशों में शामिल हो जाएगा, जिन पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।