युद्ध को तैयार देश: अब नहीं बचेगा चीन, युद्धाभ्यास में कई देश की सेनाएं शामिल

चीन से बिगड़ते संबंधों को देखते हुए अब भारत के साथ ही अमेरिका ने भी हर स्तर पर अपनी युद्धक तैयारियां कर ली हैं। अमेरिका ने चीन से बढ़ते तनाव के बीच फाइटर जेट, स्ट्रैटजिक परमाणु बॉम्बर, न्यूक्लियर पनडुब्बियां और एयरक्राफ्ट कैरियर इन दिनों हमले का अभ्यास कर रहे हैं।

Update:2020-10-25 16:10 IST
चीन से बिगड़ते संबंधों को देखते हुए अब भारत के साथ ही अमेरिका ने भी हर स्तर पर अपनी युद्धक तैयारियां कर ली हैं।

नई दिल्ली। चीन से बिगड़ते संबंधों को देखते हुए अब भारत के साथ ही अमेरिका ने भी हर स्तर पर अपनी युद्धक तैयारियां कर ली हैं। अमेरिका ने चीन से बढ़ते तनाव के बीच फाइटर जेट, स्ट्रैटजिक परमाणु बॉम्बर, न्यूक्लियर पनडुब्बियां और एयरक्राफ्ट कैरियर इन दिनों हमले का अभ्यास कर रहे हैं। साथ ही इस युद्धाभ्यास को ग्लोबल थंडर 21 नाम दिया गया है। इसमें चीन के विरूद्ध अमेरिका के साथ ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना भी हिस्सा ले रही है। वहीं अभी हाल के दिनों में दक्षिणी चीन सागर और हिंद महासागर में अमेरिका का चीन के गरमा-गरमी काफी बढ़ गई है।

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युद्धाभ्यास में परमाणु हमला

अमेरिका के युद्धाभ्यास ग्लोबल थंडर 21 को यूएस स्ट्रैटजिक कमांड (STRATCOM) ने आयोजित किया है। इस दौरान अमेरिकी सेना किसी निश्चित लक्ष्य के खिलाफ परमाणु हमला करने और उससे बचाव की अपनी तैयारियों को जांच रही है।

ऐसे में इस युद्धाभ्यास में परमाणु हमला करने में सक्षम अमेरिका के बी-52 स्ट्रैटजिक बॉम्बर, बी-1बी बॉम्बर, बी-2 स्प्रिट स्‍टील्‍थ बॉम्‍बर्स अपनी ताकत को दिखा रहे हैं। वहीं हाल के दिनों में अमेरिका ने बी-1बी विमान का एक बेड़ा चीन के पास गुआम में तैनात किया है।

फोटो-सोशल मीडिया

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युद्धाभ्यास का आयोजन

अमेरिका की स्ट्रैटजिक कमांड कई क्षेत्रों में इस युद्धाभ्यास का आयोजन करवा रही है। इसमें स्ट्रैटजिक कमांड का मुख्यालय नेब्रास्का में ऑफटेट वायु सेना बेस भी शामिल है। मिसौरी में व्हिटमैन एयर फोर्स बेस और लुइसियाना में बार्कडेल एयर फोर्स बेस पर भी इस युद्धाभ्यास को किया जा रहा है। इस कारण आसपास के हवाई क्षेत्र को सामान्य गतिविधियों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

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बता दें, B-1B बॉम्बर को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने बनाया है। अमेरिकी नेवी और एयरफोर्स इसके 100 यूनिट्स को ऑपरेट करती है, जिसमें से कुछ एशिया, और यूरोप में भी तैनात हैं। ये जहाज परमाणु हमला करने में सक्षम हैं। यह बॉम्बर एक बार में 34,019 किलोग्राम वजन तक के बमों को लेकर जा सकता है।

इसने सीरिया, लीबिया, अफगानिस्तान और ईराक युद्ध में अपनी बमबारी से दुश्मनों के पांव उखाड़ दिए थे। यह एक ही उड़ान में दुनिया के किसी भी कोने तक जाने और बमबारी कर वापस आने में सक्षम है।

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